नई दिल्ली,
घाटी में ह्यूमन शील्ड बनाने के मामले में चर्चा में आए मेजर लीतुल गोगोई के खिलाफ कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। श्रीनगर की एक स्थानीय महिला से दोस्ती रखने के दोष में उनका अगला प्रमोशन रोक दिया गया है। मेजर गोगोई ने 2017 में पत्थरबाजी करने वाले युवक को जीप के आगे बांधने की वजह से विवादों में आए थे। मेजर गोगोई के ड्राइवर समीर मल्ला के खिलाफ भी कश्मीर में कोर्ट मार्शल हुआ है। मल्ला को ड्यूटी से गायब रहने का दोषी पाया गया है। उन्हें ‘कड़ी फटकार’ लगाए जाने की संभावना है।
इस मामले पर चल रहा था कोर्ट मार्शल
23 मई 2018 को तब विवाद हुआ जब यह खबर फैली कि सेना के एक अफसर को 18 साल की लड़की के साथ स्थानीय होटल से पुलिस ने गिरफ्तार किया जो यौन शोषण की मंशा से उसे होटल लाया था। मामला तब तूल पकड़ा जब यह पता चला होटल से पकड़ा गया अफसर मेजर लीतुल गोगोई है, जिसने ह्यूमन शील्ड बनाया था। हालांकि लड़की ने कहा था कि वह अपनी मर्जी से मेजर के साथ गई थी। उसकी दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी। जहां मेजर ने अपना नाम उबैद अरमान लिख रखा था। घटना के ठीक बाद आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा था कि अगर मेजर गोगोई दोषी साबित हुए तो उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी।
ह्यूमन शील्ड बनाकर हुए चर्चित
मेजर 2017 में टेरीटोरियल आर्मी में भर्ती हुए। इसके बाद वे राष्ट्रीय राइफल के 53 सेक्टर में तैनात हुए। 9 अप्रैल 2017 को सेंट्रल कश्मीर के बड़गाम में हुई मौत से नाराज लोग पत्थरबाजी कर रहे थे। इससे बचने के लिए स्थानीय निवासी फारूक अहमद डार को सेना की जीप के बोनट पर बांधा गया। करीब 6 घंटे तक डार को कई गांवों में घुमाया गया। यह सब मेजर गोगोई के कहने पर हुआ था। लीतुल ने तब कहा था कि पत्थरबाजों से बचने के लिए सेना का ऐसा करना जरूरी था। इस घटना के बाद मेजर को सम्मानित भी किया गया था।
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