रोहतक,
सुनारिया जेल में बंद राम रहीम को धमकाने के मामले में जेल अधीक्षक पर लगे आरोपों की जांच पूरी हो गई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोप तथ्यहीन हैं। अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है। अब यह रिपोर्ट राज्य निर्वाचन विभाग को भेजी जाएगी। अनुमान है कि डेरा प्रेमियों ने ही अज्ञात शिकायत पत्र भेजकर जेल अधीक्षक पर इस तरह के आरोप लगाए हैं।
राज्य निर्वाचन को एक शिकायत भेजी गई थी। इसमें सुनारिया जेल अधीक्षक सुनील सांगवान पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था। शिकायत में लिखा था कि जेल अधीक्षक ने जेल में राम रहीम को कांग्रेस के समर्थन में वोट देने के लिए धमकाया है, क्योंकि जेल अधीक्षक कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री के बेटे हैं। मामले पर संज्ञान लेते हुए इसकी जांच एसडीएम सांपला और डीएसपी ताहिर हुसैन को सौंपी गई थी।
जांच पूरी नहीं मिले ठोस तथ्य
सांपला के एसडीएम और डीएसपी ताहिर हुसैन ने जेल में पहुंचकर बयान दर्ज किए। राम रहीम के अलावा इस मामले से जुड़े सभी लोगों के बयान दर्ज किए गए जिसके बाद रिपोर्ट तैयार कर उपायुक्त को सौंप दी गई है। सूत्रों की मानें तो जांच में ऐसा कोई भी तथ्य सामने नहीं आया जो शिकायत में दिए गए थे। कारण यह कि जेल अधीक्षक भी सरकार की अनुमति के बगैर राम रहीम से नहीं मिल सकते। ऐसे में उनको धमकाने का आरोप गलत है। बतया जा रहा है कि अब शिकायतकर्ता का पता कर उससे पूछताछ की जाएगी।