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करतारपुर कॉरिडोर की खुदाई में मिला 550 साल प्राचीन कुआं, गुरु नानकदेव से जुड़े तथ्य

करतारपुर,
करतारपुर कॉरिडोर की खुदाई के वक्त करीब 550 साल प्राचीन कुआं मिला है। बताया जा रहा है कि इस कुएं का निर्माण गुरुनानक देव जी द्वारा किया गया था। पुराना कुआं करतारपुर में बन रहे गुरुद्वारा के आहते की खुदाई के दौरान मिला है। इस कुएं का निर्माण नानक शाही पत्थरों के माध्यम से किया गया था। इसमें सच्चाई कितनी है इसकी पुष्ठि होनी अभी बाकि हैं। लेकिन इसके पानी को श्रद्धालुओं के लिए “अमृत जल” माना जा रहा है।
क्‍या है करतारपुर साहिब की अहमियत
करतारपुर कॉरीडोर सिखों के लिए सबसे पवित्र जगह है। करतारपुर साहिब सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी का निवास स्‍थान था और यहीं पर उन्होंने अपने देय का त्याग किया था। बाद में उनकी याद में यहां पर एक गुरुद्वारा भी बनाया गया। करतारपुर साहिब, पाकिस्‍तान के नारोवाल जिले में है जो पंजाब मे आता है। यह जगह लाहौर से 120 किलोमीटर दूर है। जहां पर आज गुरुद्ववारा है वहीं पर 22 सितंबर 1539 को गुरुनानक देवजी ने श्रद्धालुओं को आखिरी दर्शन दिए थे। गुरुनानक देव ने इस जगह पर अपनी जिंदगी के 18 वर्ष बिताए थे।
सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी यह श्राइन रावी नदी के करीब स्थित है और डेरा साहिब रेलवे स्‍टेशन से इसकी दूरी चार किलोमीटर है। यह गुरुद्वारा भारत-पाकिस्‍तान सीमा से सिर्फ तीन किलोमीटर दूर है। श्राइन भारत की तरफ से साफ नजर आती है। पाकिस्‍तानी अथॉरिटीज इस बात का ध्‍यान रखती हैं कि श्राइन के आसपास घास न जमा हो पाए और वह समय-समय पर इसकी कटाई-छटाई करते रहते हैं ताकि इसे देखा जा सके। भारत की तरफ बसे श्रद्धालु सीमा पर खड़े होकर ही इसका दर्शन करते हैं। मई 2017 में अमेरिका स्थित एक एनजीओ इकोसिख ने श्राइन के आसपास 100 एकड़ की जमीन पर जंगल का प्रस्‍ताव भी दिया था।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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