आदमपुर,
आदमपुर अनाज मंडी स्थित कुलदीप बिश्नोई की दुकान नं 107 के सामने शुक्रवार को माहौल काफी इमोशनल था। 23 मई को लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद आज अनाज मंडी में कुलदीप बिश्नोई कार्यकत्र्ताओं व हलकावासियों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान वर्कर जहां भावुक दिखे, वहीं आदमपुर से पिछडऩे की टिस भी साफ तौर पर कुलदीप बिश्नोई के चेहरे पर दिखी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली हार का उन्हें मलाल नहीं है, क्योंकि यह चुनाव काफी अलग तरह का चुनाव था और मोदी लहर के सामने सभी मुद्दे गौण हो गए। उन्हें दुख इस बात का है कि हमारे पारिवारिक हलके आदमपुर से भी भव्य पिछड़ गया। अपने भाषण के दौरान वे भावुक भी हो गए और कहा कि पिछले 32 साल से राजनीति में हैं। 1987 आदमपुर उपचुनाव के दौरान उन्होंने यहां पर काम शुरू किया था। आदमपुर को मैंने हमेशा अपना घर माना। यहां के लोगों के दुख-सुख व परेशानियों को दूर करने का हर संभव प्रयास किया। हलके के स्वर्णिम दौर को वापिस लाने के लिए ईमानदारी से संघर्ष किया। मैंने या मेरे परिवार के किसी सदस्य ने आदमपुर के किसी बच्चे तक से कभी भी ऊंची आवाज में बात नहीं की। पिछले 2 वर्षों के दौरान वे बीमारी की वजह से लोगों के बीच कम आए, लेकिन पिछले 2 वर्षों से रेनुका व भव्य लगातार लोगों के बीच रहे। जो व्यक्ति हलके के गांवों के नाम तक नहीं जानता, कभी यहां पर आया नहीं, वह व्यक्ति अगर चौ. भजनलाल के घर से चुनाव जीतता है तो जाहिर सी बात है यह हार भव्य की नहीं, बल्कि हमारे संपूर्ण आदमपुर परिवार की है।
इस दौरान हजारों की संख्या में उपस्थित कार्यकत्र्ताओं व हलकावासियों ने कहा कि हमारे आदमपुर परिवार को तोडऩे के लिए विरोधियों का षडयंत्र है। आदमपुर में किसी ने काम करवाए तो चौ. भजनलाल ने और यहां के लोगों के लिए किसी ने संघर्ष किया तो कुलदीप बिश्नोई ने। एक-एक परिवार में तीन से चार-चार नौकरियां दी, यहां नहरें बनवाई, तीन-तीन सप्ताह पानी दिया, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी से लेकर अस्पताल, गांवों में डिग्गियां, धर्मशालाओं से लेकर यहां हर ईंट पर भजनलाल की छाप है। भाजपा के भ्रामक एवं झूठे प्रचार से यह चुनाव प्रभावित रहा, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में आदमपुर वासी एकजुट होकर कुलदीप बिश्नोई को मजबूती देंगे। बैठक में कुलदीप बिश्नोई ने आगामी 3 जून चौ. भजनलाल की पुण्यतिथि पर आगामी रणनीति बारे विचार विमर्श करने की घोषणा की।