हिसार

फलों व सब्जियों के दाम नियंत्रित किये जाएं, शहर में हो फोगिंग : श्योराण

निर्देशों के बावजूद कई स्कूल भेज रहे फीस जमा करवाने के मैसेज, कार्रवाही करे प्रशासन, मकान या दुकान मालिक मानवीय आधार पर न लें किराया

हिसार।
हिसार संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात करके कोरोना महामारी के बीच सामने आ रही अन्य समस्याओं को दूर करने की मांग की है। उपायुक्त से मिलने गये प्रतिनिधितमंडल ने उपायुक्त से न मिलने पर अतिरिक्त उपायुक्त व एसडीएम से मुलाकात की ओर समस्याएं रखीं।
हिसार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं जजपा नेता जितेन्द्र श्योराण ने अधिकारियों से मिलकर बताया कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते पूरे देेश में लॉकडाऊन है लेकिन इसकी आड़ में कुछ समस्याएं आने लगी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के कड़े निर्देशों के बावजूद फल व सब्जियां काफी ऊंचे मूूल्य पर बेचे जा रहे हैं। समिति पदाधिकारियों ने पिछले तीन दिनों से इसकी गहनता सेे छानबीन की है और यह सामने आया है कि कई जगहों पर फल व सब्जियां न केवल ऊंची दरों बल्कि दोगुने भाव पर बेचे जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से मांग की कि हर रोज मंडी के भाव सार्वजनिक किये जाएं ताकि आम जनता शोषण की शिकार न हो।
पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार एवं प्रशासन के निर्देशों के बावजूूद कई स्कूलों ने बच्चों के अभिभावकों को फीस जमा करवाने के मैसेज करनेे शुरू कर दिये हैं, उन पर रोक लगाई जाए। यही नहीं, हर बार ये स्कूल 12 माह की फीस लेते हैं परंतुु महामारी के चलते उन्हें 9 माह की फीस लेने के निर्देश दिये जाएं। उन्होंने कहा कि शहर के मशहूर केएल आर्य डीएवी स्कूल ने बच्चों को फीस जमा करवाने के मैसेज भेजे हैं। पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि किरायेदारों के बारे में जारी निर्देशों की पालना भी करवाई जाए क्योंकि इस बार जिनका काम ही नहीं चल पाया, वे कहां से किराया भरेंगे। इसके अलावा उन्होंने मकान व दुकान मालिकों से भी अपील की कि वे इन्सानियत के नाते सोचकर इस बार किराया लेना स्थगित करें।
जितेन्द्र श्योराण ने अधिकारियों के समक्ष यह भी समस्या उठाई की कोरोना के बीच इन दिनों मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। ऐसा न हो कि कोरोना से बचाव के चक्कर में लोग मच्छर जनित बीमारियों के शिकार हो जाए। उन्होंने शहर को सेनेेटाइज करवाने या फोंगिग करवाने की मांग रखी, जिस पर अधिकारियों ने कार्रवाही का भरोसा दिलाया। बाद में जितेन्द्र श्योराण ने कहा कि जिनको शहर के लोगों ने अपने क्षेत्र से चुनकर भेजा है, वो तो कहीं दिखाई नहीं दे रहे, ऐसे में अब लोगों को खुद ही आगे आकर अपनी आवाज उठानी होगी।

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