नीमच,
मध्य प्रदेश के नीमच जिले में पब्जी गेम खेलते-खेलते 16 वर्षीय बच्चे की मौत का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस दौरान बच्चे की छोटी बहन उसके सामने ही मौजूद थी। घरवालों का कहना है कि वह इस गेम का आदी था और मौत से पहले उसने लगातर 6 घंटे पब्जी खेला था।
मामला नीमच जिले के पटेल प्लाजा इलाके का है, जहां फुरकान कुरैशी नाम के एक 16 वर्षीय बच्चे की पब्जी गेम खेलते हुए अचानक मौत हो गई। फुरकान के घर पर मातम पसरा हुआ है। उसके पिता हारून राशिद कुरैशी का कहना है कि मैंने उसे कई बार मना किया था, लेकिन वह मानता नहीं था और लगातार कई घंटे तक पब्जी खेलता रहता था। उन्होंने मांग भी की कि ऐसे गेम पर प्रतिबंध लगना चाहिए।
हारून ने बताया, ‘मैं नसीराबाद में रहता हूं, मेरा बेटा फुरकान केंद्रीय विद्यालय में बारहवीं का स्टूडेंट था। मेरे बड़े भाई की बेटी के शादी के लगन आने वाले थे और घर पर जश्न का माहौल था। मेरा बेटा डेढ़ साल से मोबाइल पर पब्जी खेलता था और वह दो-तीन घंटे लगातार खेलता था। मैंने उसे कई बार मना किया लेकिन वह बिल्कुल भी नहीं मानता था। उसे गेम के लिए जुनून सवार था।’
उन्होंने कहा कि वह कान में हेडफोन लगाकर जोर-जोर से चिल्लाता था कि ब्लास्ट हो जाएगा। उसको मार दो। इसको मार दे और अपनी मौत से पहले भी वह चिल्ला चिल्लाकर खेल रहा था। अचानक वह चिल्लाने लगा कि ब्लास्ट कर ब्लास्ट कर। इसके बाद फुरकान का शरीद दो मिनट में लाल पड़ गया। उसे तत्काल डॉक्टर के पास ले जाया गया लेकिन उसे बचा नहीं पाए और उसकी मौत हो गई।
गेम खेलते समय उसके सामने मौजूद रही उसकी छोटी बहन फिजा ने बताया कि वह गेम के लिए पागल था। उसको मना करती थी तो वह मुझे डांटता था। वो जब भी फ्री होता था तो पब्जी लेकर बैठ जाता था। उस समय वह शाम को जब लेटा हुआ खेल रहा था तो मैं नीचे ही बैठी थी। अचानक उसने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। मम्मी-मम्मी आवाज लगाने लगा। वह कह रहा था अयान तूने मुझे हरवा दिया तुझे खेलना नहीं आता अब मैं तेरे साथ नहीं खेलूंगा, वह देख उसने मुझे मार दिया, ब्लास्ट हो गया।
फिजा ने आगे बताया कि इतना बोलकर उसने हेडफोन निकाल दिया और दम तोड़ दिया। वह बीमार भी नहीं था। फिजा ने कहा कि इस गेम के खेले बिना फुरकान रह नहीं पाता था और दिन भर खेलता रहता था। जब उसे गेम डिलीट करने की बात कहते थे तो वह खाना-पीना छोड़ने की धमकी देता था।
फुरकान के चचेरे भाई हाशिम का कहना है कि पब्जी इंडिया में बहुत पॉपुलर हो गया है। इसे 15 से 18 घंटे तक खेला जाता है, खेलने वाले को पता ही नहीं लगता क्या आसपास क्या हो रहा है। इस खेल में यदि विनर नहीं होते तो यही दिमाग में चलता है कि कैसे भी जीतकर विनर बनना है। ऐसा लगता है कि इस गेम के अलावा कुछ भी अच्छा नहीं है। मैं भी पब्जी खेलता था लेकिन भाई की मौत के बाद मैंने डिलीट मार दिया।
मामले में स्थानीय डॉक्टर अशोक जैन के मुताबिक, ‘कहीं ना कहीं खेलने वाले को यह लगने लगता है कि जो गेम में उसके कैरेक्टर के साथ हो रहा है वह भी असलियत में उसके साथ हो रहा है, ऐसी स्थिति में कार्डियक अरेस्ट का खतरा बहुत बढ़ जाता है और फुरकान के साथ भी यही हुआ है। इस तरह के गेम में एक्साइटमेंट हाई लेवल पर पहुंच जाता है, और बच्चा उस कैरेक्टर में ऐसा कुछ जाता है कि उसे लगता है कि यह घटना भी मेरे साथ हो रही है।
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