हिसार,
प्रसिद्ध समाजसेविका 90 वर्षीय माता हरबंस कौर का 1 जून को देहावसान हो गया। वे काफी लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थी। 1 जून को ही सायं 5 बजे सेक्टर 16-17 स्थित शमशान घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा। माता हरबंस कौर के पदचिह्नों पर चलते हुए उनके पुत्र अनिल महत्ता भी समाजसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
माता हरबंस कौर ने सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में अपना पूरा जीवन लगा दिया। हिसार के मॉडल टाउन निवासी माता हरबंस कौर को समाज का पोषक कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। उन्होंने हिसार की एम. सी. कॉलोनी के पास स्थित भारत माता मंदिर के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। इसी भांति हिसार के गांव काबरेल में स्थित काबरेल गोशाला के निर्माण एवं संवर्धन में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इतना ही नहीं मील गेट के पास स्थित दीपनगर में सेवा भारती स्कूल, मंदिर एवं सिलाई सेंटर की स्थापना एवं संचालन में उनकी भूमिका देखकर हर कोई नतमस्तक हो जाता है।
उल्लेखनीय है कि उनकी समाजसेवा का दायरा केवल हिसार या हरियाणा तक सीमित नहीं रहा बल्कि छत्तीसगढ़ में वनवासी बंधुओं के लिए अस्पताल के निर्माण में भी उनका विशेष योगदान रहा। इसी तरह हरियाणा के विभिन्न जिलों में उनकी सेवा की इबारत सहज ही देखी जा सकती है। अनगिनत सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं को वे नियमित रूप से सहयोग करती रहीं।
माता हरबंस कौर काफी समय से अस्वस्थ थी, इसके बावजूद उनके आवास पर हर रोज सत्संग होता था। खास बात है कि वे चाहे कितनी भी अस्वस्थ हों लेकिन पूरी तन्मयता से सत्संग सुना करती थी। उनका मानना था कि समाज को देना सीखो। मनुष्य बनने का सौभाग्य बड़ी मुश्किल से मिलता है, इसलिए हर इंसान को समाज हित के लिए कार्य करना चाहिए।
माता हरबंस कौर के देहावसान पर वनवासी कल्याण आश्रम, भारत विकास परिषद, विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं भारत माता मंदिर ट्रस्ट सहित बहुत सी सामाजिक, धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं ने शोक व्यक्त किया है। सभी का मानना है कि माता हरबंस कौर के निधन से जो क्षति हुई है, वह अपूर्णनीय है।