हिसार

विजय दिवस पर शहीदों को अर्पित किए श्रद्घासुमन

सन् 1971 में हुए भारत-पाक युद्घ में भारत को मिली जीत की स्मृति में मनाया जाता है विजय दिवस

हिसार
विजय दिवस की स्मृति में आज लघु सचिवालय के समीप स्थित शहीद स्मारक पर प्रशासनव जिला सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण विभाग के अधिकारियों ने 1971 के भारत-पाक युद्घ के वीर शहीदों को श्रद्घासुमन अर्पित किए। पुलिस के जवानों ने शस्त्र झुकाकर शहीदों को श्रद्घांजलि दी।
एसडीएम परमजीत सिंह चहल ने शहीदों को पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि हमें अपने वीर-जवानों के शौर्य व बलिदानों से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि विजय दिवस सन् 1971 में हुए भारत-पाक युद्घ में भारत को मिली जीत की स्मृति में मनाया जाता है। 1971 में आज ही के दिन पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारतीय सेना के 1500 सैनिकों के समक्ष आत्मसमर्पण किया था जो इतिहास में आज तक का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण माना जाता है। इसके बाद ही पूर्वी पाकिस्तान को बांगलादेश के रूप में नया राष्टï्र बनाया गया था। उन्होंने कहा कि आज सब देशवासी अपने वीर सेनानियों के शौर्य व बहादुरी के कारण ही अमन व चैन से रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको अपने सैनिकों के बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए और देशहित में अपना योगदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें देश पहले की भावना अपने मन में रखकर अपनी जिम्मेदारियों व कत्र्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से करना चाहिए।
इस अवसर पर जिला सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन प्रदीप बाली, कर्नल रामगोपाल ढाका, कर्नल एसके कुंडू, कर्नल ढिल्लों, हैड क्लर्क सुरेंद्र सिवाच, रामसिंह पूनिया, सुरेंद्र सिहाग, कल्याण व्यवस्थापक राजेंद्र गोदारा, दलबीर गिल, सुशील, कर्णसिंह ढाका, गुलशन कुमार, राजेंद्र, जयवीर, अजीत, सुरेश, धर्मवीर, पूर्व सैनिक सुभाष कुंडू, जयनारायण जाखड़, जगदीश चंद सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

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