हिसार

श्री राधेकृष्ण बड़ा मन्दिर में मासिक अमावस्या भण्डारे का वितरण किया

पौष अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण होने से महत्व कई गुणा बढ़ा

हिसार
श्री राधे कृष्ण बड़ा मन्दिर में अमावस्या के मासिक भंडारे का वितरण किया गया। पौष अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण होने से इस अमावस्या का महत्व कई गुणा बढ़ गया है। अगली पौष अमावस्या 2021 में ही आएगी। पौष महीने की इस अमावस्या का धार्मिक दृष्टि से बहुत अधिक महत्व है। अमावस्या तिथि पितरों की शांति करके समस्त सुखों की प्राप्ति करने का अचूक दिन होता है। इस दिन सूर्य ग्रहण होने से इस अमावस्या का महत्व कई गुना बढ़ गया है। इस दिन पितरों के निमित्त किए गए दान-पुण्य करोड़ों अश्वमेघ यज्ञ के समय पुण्य फल प्रदान करेंगे। इस दिन किए गए दान से समस्त सुखों की प्राप्ति होगी। पौष माह में सूर्यदेव की उपासना का विशेष महत्व बताया गया है। इस माह में लोग सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए रविवार के व्रत भी रखते हैं। पौष अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध किया जाता है। पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए भी पौष अमावस्या से अच्छा कोई और दिन नहीं।
वर्ष 2020 में नहीं आएगी पौष अमावस्या
पौष अमावस्या वर्ष की सबसे उत्तम अमावस्या मानी गई है। तिथियों और महीनों के घट-बढ़ के कारण किसी एक वर्ष में दो बार पौष अमावस्या आ जाती है, तो किसी वर्ष में एक भी पौष अमावस्या नहीं आती है। इस वर्ष यानी 2019 में दो बार पौष अमास्या का संयोग बना। एक बार 5 जनवरी 2019 को आई थी और दूसरी आज 26 दिसंबर को है। लेकिन वर्ष 2020 में एक बार भी पौष अमावस्या नहीं आएगी। इसके बाद वर्ष 2021 में 13 जनवरी को पौष अमावस्या आएगी। इसलिए अपने जीवन को सुखों से परिपूर्ण करने के लिए यदि आप कोई उपाय करना चाहते हैं तो इसी पौष अमावस्या पर कर लें, वरना अब 2021 में ही मौका मिलेगा।
अमावस्या के भंडारे में प्रसाद स्वरूप पूरी, आलू की सब्जी, लड्डू व जलेबी का वितरण किया गया। इस अवसर पर भंडारे की सेवा में शांति, उर्वशी, मधु, अनिता, राघव, माधव, दिपेश, गिरीश देव, सज्जन, दिनेश, रजत, अरुण, अरविंद, नैतिक, जतिन, डोनी, चंद्रप्रकाश, संदीप, आशीष, नीरज, कालू व भारतभूषण आदि रहे।

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