मौनी अमावस्या को दान पुण्य का विशेष महत्व रहता है
हिसार
श्री राधेकृष्ण बड़ा मंदिर खजांचियान बाजार में आज अमावस्या के मासिक भंडारे का आयोजन किया गया। मंदिर के महंत राहुल शर्मा ने बताया कि आज मौनी अमावस्या के दिन दान पुण्य का विशेष महत्व रहता है। मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। देशभर में श्रद्धालुओं आज के दिन पवित्र घाटों पर आस्था की डुबकी लगाते हैं। वहीं, मंदिरों में इसे लेकर विशेष पूजा का भी आयोजन किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन दान करना सबसे पुण्यकारी माना जाता है। माना जाता है कि इन कार्यों को करने के लिए मौनी अमावस्या का दिन सबसे बेहतर व शुभ होता है।
उन्होंने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन उपाय करने से उसके विशेष फल प्राप्त होते हैं। इस दिन गंगा स्नान के बाद भगवान विष्णु और शिव की आराधना की जाती है, पूजा पाठ के साथ दान किया जाता है तथा दिनभर मौन व्रत रखा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन जितना हो सके ेशांति बनाए रखनी चाहिए और विवाद से दूर रहना चाहिए। मौनी अमावस्या के दिन मौन रखना, गंगा स्नान और दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन ‘औम नमो भगवते वासुदेवाय’, ‘औम खखोल्काय नम:’, ‘औम नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए। मौनी अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए कुत्ते, गाय, कौए को रोटी खिलानी चाहिए। मौनी अमावस्या के दिन गंगा में डुबकी लगाने का महत्व होता है। वहीं अगर आप घर हैं तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। मौनी अमावस्या के दिन शराब व मांस-मछली का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए। मौनी अमावस्या के दिन शनि की शांति के उपाय भी किए जाते हैं। इस दिन शनि देव की पूजा अर्चना करने से भी लाभ हासिल होता है। मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने के बाद तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, दर्पण, स्वर्ण और दूध का दान करना सबसे ज्यादा पुण्य का काम माना गया है।
आज भण्डारे की सेवा में श्री ठाकुर जी के भक्त सज्जन सैनी, पुनीत, संदीप सोनी, रजत, राजू, विवेक, जतिन, नीरज अग्रवाल, चंद्र प्रकाश, भरत भूषण, आशीष सर्राफ, विनय दिल्लीवान, अरुण ऐरन, कालू, अनीश, राहुल, शांति, बबली, मूर्ति देवी व अनिता आदि उपस्थित रहे।