व्यापारियों और दुकानदारों के उत्पीडऩ पर मुंह में दही क्यों जमाए है जन संघर्ष समिति
हिसार,
हिसार विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी गौरव नाशा ने हिसार नगर निगम प्रशासन द्वारा राजगुरु मार्केट में 550 दुकानों के चबूतरे तोडऩे की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाते हुए इसे भेदभाव पूर्ण, तानाशाही व व्यापारी विरोधी कार्रवाई बताया है। उन्होंने कहा कि अपने प्रधान के सत्ता में आने से पहले व्यापारी हितैषी होने का दम भरने वाली जन संघर्ष समिति दुकानदारों के साथ हुई इतनी बड़ी ज्यादती के बावजूद मुंह में दही जमाए बैठी है। जन संघर्ष समिति के सर्वेसर्वा इन्हीं दुकानदारों और व्यापारियों की राजनीति करके मेयर की सीट पर पहुंचे हैं और आज उन्हें राहत देने की बजाए उल्टा उनके शोषण और उत्पीडऩ पर उतर आए हैं। गौरव नाशा ने कहा कि एक ओर जहां भाजपा सरकार द्वारा एक के बाद एक लगातार व्यापार विरोधी नीतियां व फैसले लागू किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर मंदी की मार झेल रहे व्यापारियो के खिलाफ स्थानीय प्रशासन द्वारा इस तरह की कार्रवाई जले पर नमक छिडक़ने के समान है। इसके अलावा चबूतरे तोडऩे की कार्रवाई स्पष्ट तौर पर भेदभाव पूर्ण व राजनीति से प्रेरित नजर आ रही है। अपने चहेतों की लगभग 30 दुकानों को इस कार्रवाई से दूर रखना निगम प्रशासन की नीयत में खोट का ही सबूत है।
गौरव नाशा ने कहा कि व्यापारी व छोटे दुकानदार भाजपा की नोटबंदी, जीएसटी व अन्य व्यापारी विरोधी नीतियों से पीडि़त हैं। बाजारों में ग्राहकों का पहले से टोटा है ऊपर से इस तरह की कार्रवाई सरकार की व्यापारियों और दुकानदारों का निवाला छीनने की नीयत को साफ कर देती है। उन्होंने कहा कि राजगुरु मार्केट के इन्हीं दुकानदारों और व्यापारियों के कंधों पर चढ़ कर निगम मेयर की कुर्सी तक पहुंचे गौतम सरदाना आखिर व्यापारियों के उत्पीडऩ पर क्यों उतर आए हैं। क्या सत्ता और कुर्सी के लालच में वो अपनी इंसानियत पूरी तरह खो चुके हैं। नाशा ने कहा कि जल्द ही राजगुरु मार्केट के व्यापारियों के साथ मिलकर इस कार्रवाई के खिलाफ आगे की रणनीति तैयार की जाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो किसी भी तरह के आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे।