हिसार

फकीरों के दर पर सभी धर्मों के लोग पहुंच कर पाते रहमत: करामत अली

सैक्टर 14 के कम्युनिटी सेंटर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई ‘महफिल साईंया दी’

हिसार,
समस्त साईं परिवार हिसार द्वारा नेकी का दर नकोदर डेरा बाबा मुरादशाह साईं गुलाम शाह ‘महफिल साईंयां दी’ स्थानीय सैक्टर 14 के कम्युनिटी सेंटर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बाबा मुराद शाह साईं गुलाम शाह जी को समर्पित ‘महफिल साईंयां दी’ में कव्वालियों के माध्यम से अपने मन के उद्गार व्यक्त करने पंजाब के मलेरकोटला के विख्यात कव्वाल करामत अली फकीर, सन्नी सलीम जालंधर व मुमताज सांवरी पहुंचे। कार्यक्रम शुरू होने से पहले हिसार समिति सदस्यों ने व आए कव्वालों ने बाबा मुरादशाह व साईं गुलाम शाह जी के स्वरूप को नतमस्तक होकर उनकी आराधना की। विख्यात कव्वाल करामत अली फकीर ने उपस्थित श्रद्धालुओं को अपने सन्देश में इन्सानियत का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि संतों-फकीरों के दर ऐसे होते हैं जहां, प्रभु, अल्लाह, खुदा दाता की मेहर बरसती है। जो भी नेकी का दर नकोदर पूरी श्रद्धा के साथ पहुंचते हैं उनकी मुराद अवश्य पूरी होती है। तर्क देते हुए करामत अली ने कहा कि हमारा हिन्दुस्तान एक गुलदस्ते की तरह है, जिसमें हर तरह के फूल है यानि हर धर्म को मानने वाले लोग हैं और हर धर्म का यहां सम्मान है, मगर फकीरों का दर ही ऐसा दर होता है जहां सभी धर्मों को मानने वाले लोग पहुंच कर खुदा की रहमत प्राप्त करते हैं। इसलिए हमें इन्सानियत को नहीं भूलना चाहिए और आपस में प्रेम-प्यार से रहना चाहिए।
इसके बाद कव्वालों की ‘कोई इन्सान किसी इन्सान को क्या देता है, इन्सान सिर्फ बहाना है खुदा देता है’, ‘मेरा लिख ले गुलामां विच नाम बाबा’, ‘न कर अडिया कर साकी मैं तां पीनी है बाबा तेरे नाम दी मस्ती’, ‘ताज दारां दे नाम अमीरां दे दिए बलदे फकीरां दे’, ‘हम को गुलिस्तां के हर गुल से मोहब्बत है, गुलची को जो नफरत हो तो गुलशन से निकल जाए’, ‘अखियां उड़ीक दियां दिल्लों वाजा मारदा, आजा जान वालेया तैने वास्ता है प्यार दा’, ‘आजा ओ मेरे साईं मुरशद मेरे आ जाओ, उजड़ी हुई आसा दी आज लोक वसा जाओ’, ‘मैं नीवां मेरा मुरशीद उचां, उचयां दे संग लाई मैं सजके जावां इनां दे’, ‘करमात फकीर कमाल दी साईं मुरादां दे दरबार दी’ आदि सुन्दर कव्वालियों पर उपस्थित श्रद्धालुगण देर रात तक झूमते रहे। समिति सदस्यों द्वारा आए हुए कव्वालों व सेवादारों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के साथ-साथ विशाल भण्डारे का भी आयोजन किया गया तथा दूध वितरण भी प्रात: 4 बजे तक चलता रहा।

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