हिसार

सरकार ने किसानों से किया विश्वासघात, किसान निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे

हिसार,
अखिल भारतीय किसान सभा की जिला इकाई के पदाधिकारियों एवं सक्रिय सदस्यों की बैठक में किसानों की समस्याओं पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला कार्यवाहक प्रधान दयानंद ढुकिया ने की व संचालन जिला सचिव सूबेसिंह बूरा ने किया। बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए जिला सचिव सूबेसिंह बूरा ने कहा कि अब किसान प्रत्येक गांव में तहसील स्तर व जिला स्तर पर किसान संगठन बनाकर गांवों-गांवों से जत्थे चलाकर 7 मार्च को लाखों की संख्या में जींद पहुंचकर निर्णायक लड़ाई का बिगुल बजाएंगे।
किसान सभा के राज्य अध्यक्ष मास्टर शेर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने किसानों से जो वायदा किया था, उनमें से आज तक एक भी पूरा नहीं किया। देश के अंदर किसानों के कर्जे माफ हो रहे हैं और हरियाणा में सरकार किसानों की जमीन की कुर्की के आदेश दे रही है जो कदापि सहन नहीं किया जाएगा। इसके अतिरिक्त स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करना तो दूर की बात है। सरकार द्वारा निर्धारित किये गये समर्थन मूल्य पर भी किसानों की फसल नहीं खरीदी जा रही। आज किसानों की कपास, धान, बाजरा, सरसों एवं सब्जियां आदि कोई भी फसल समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदी गई। प्रांतीय उपप्रधान व पूर्व विधायक का. हरपाल सिंह ने कहा कि हरियाणा के 82 हजार किसानों से एक लाख से चार लाख रुपए तक ट्यूबवैल कनैक्शन के जमा करवा लिए। सरकार अब कहती है कि 3600 कनैक्शन ही अप्रैल तक दिए जाएंगे।किसानों का अरबों रुपया सरकार ने जबरदस्ती ले लिए जबकि किसानों ने यह राशि साहूकारों से 24 से 50 प्रतिशत ब्याज पर ले रखी है। जिला सचिव सूबेसिंह बूरा ने बताया कि इस समय जिले में आवारा पशुओं एवं नहरी पानी पूरा नहीं मिलने से किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है इसलिये आज की सभा में फैसला लिया गया कि गांव-गांव में जत्थे चलाकर 7 मार्च को हिसार जिले से हजारों किसान जींद रैली में भाग लेंगे। बैठक में का. प्रदीप सिंह, धर्मबीर कंवारी, बारुराम, सतबीर, शमशेर नम्बरदार, हनुमान जौहर, कर्मसिंह कंवारी, नेरन्द्र मलिक, रामानंद यादव, रघुवीर गावड़, कृष्ण आदि ने भी अपन विचार रखे।

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