सरकार के गेहूं व सरसों खरीद के लिए आढ़ती व किसान नेताओं से बातचीत करके योजना बनाए
हिसार,
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने कहा है कि सरकार गांवों में गेहूं व सरसों खरीद की व्यवस्था बारे स्थिति स्पष्ट करे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा यह कहा जा रहा है कि गेहूं की खरीद गांव में ही की जाएगी जबकि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि सरकार के पास गांवों में गेहूं खरीद के लिए तोल की व्यवस्था, बोरी सिलाई, गेहूं सफाई के लिए झरने व पंखे, गांवों में गेहूं रखने की क्या व्यवस्था है या नहीं। जब तक सरकार की तरफ से पूरी व्यवस्था ना हो सरकार किसानों की फसल गांव में खरीदने की बात कैसे कर रही है।
एक बयान में बजरंग दास गर्ग ने कहा कि सरकार की तरफ से अभी तक गेहूं व सरसों खरीद के लिए कोई तैयारी व इंतजाम पूरे नहीं किए गए है। गेहूं व सरसों खरीद के लिए सरकार ने सरकारी खरीद एजेंसी फूड एंड सप्लाई, हैफेड, एफसीआई, वेयरहाउसिंग आदि विभागों की मंडियांवॉइज ड्यूटियां तक नहीं लगाई है, ना ही गेहूं उठान की कोई व्यवस्था की गई है जबकि गेंहू खरीद के समय मंडियों में ही खरीद, बोरी सिलाई, गेहूं सफाई के लिए पंखे व झरने व गेंहू उठान तक एक जगह होने के बावजूद भी सरकार गेहूं खरीद के हर सीजन में व्यवस्था पूरी तरह से नहीं कर पाई है। गेहूं खरीद में लगभग 40 हजार आढ़ती, लाखों कर्मचारी व पल्लेदार साथ में काम करते है। ऐसे में सरकार गांव में गेहूं खरीद की व्यवस्था कैसे करेगी यह भी एक चिंता का विषय है।
बजरंग गर्ग ने सरकार को सुझाव दिया कि सरकार को पहले की तरह गेहूं की खरीद व उसका भुगतान आढ़तियों के माध्यम से करना चाहिए और गेहूं व सरसों की खरीद के लिए सरकार को आढ़ती व किसान नेताओं से बातचीत करके आगामी योजना तैयार करनी चाहिए, ताकि गेहूं व सरसों खरीद में किसी प्रकार की दिक्कत भविष्य में ना रहे। गेहूं खरीद के लिए बारदाना, लकड़ी के क्रेट, बोरी सिलाई व गेहूं उठान की व्यवस्था के लिए पुख्ता प्रबंध सरकार को तुरंत करने चाहिए और फसल खरीद का भुगतान में किसी प्रकार की देरी ना करके 72 घंटे के अंदर—अंदर फसल खरीद का भुगतान सरकार को करना चाहिए, ताकि किसानों को समय पर अपनी फसल के रूपये मिल जाए। बार-बार बारिश, ओलावृष्टि होने व कोरोना वायरस के कारण गेहूं की खरीद लेट होने के कारण किसान बड़ी भारी दिक्कत में है। हरियाणा सरकार को अपनी तरफ से गेहूं पर 300 रूपये प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार ने पिछले अक्तूबर 2019 की धान की खरीद के रूपये, आढ़तियों का कमीशन व पल्लेदारों की मजदूरी के करोड़ों रुपए सरकार की तरफ अब तक बकाया है जबकि सरकार को किसान, आढ़ती व पल्लेदारों को जो करोड़ों रुपए बकाया पड़े हैं सरकार को ब्याज सहित इसका भुगतान तुरन्त करना चाहिए।