एडवोकेट वेलफेयर फंड की टिकटों के करोड़ों रुपयों में से जरूरतमंद वकीलों को जल्दी सहायता राशि जारी करवाने की मांग
हिसार,
जिला बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव व जेजेपी के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट मनदीप बिश्नोई ने पंजाब व हरियाणा बार कॉउंसिल द्वारा कोविड—19 के चलते जरूरतमंद वकीलों को सहायता राशि देने के लिये लगाई गई शर्तों को गैर जरूरी बताते हुए इन्हें तुरन्त हटाने की मांग की है। साथ ही साथ जिला बार एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य एडवोकेट बिश्नोई ने यह सहायता राशि जल्द से जल्द जरूरतमंद अधिवक्ताओं को देने की भी मांग की है।
एडवोकेट मनदीप बिश्नोई ने कहा कि कोविड—19 के चलते पूरे देश मे लॉकडाउन है, जिसके कारण अदालतें भी बंद है और इसी वजह से बहुत से वकीलों के सामने गहरा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। पिछले एक माह से ज्यादा समय से अदालतों में काम बंद है। जिला बार एसोसिएशन के साथ—साथ पंजाब व हरियाणा के अन्य जिला व उपमंडल में वकालत कर रहे वकीलों के सामने अपने परिवार की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने में बड़ी कठिनाई आ गई है। उन्होंने कहा कि बार कॉउंसिल की तरफ से वकीलों को सहायता प्रदान करने के लिये आवेदन मांगे गए परन्तु उसमे जो शर्तें लगाई गई है उनके अनुसार तो शायद ही कोई वकील इसके मानकों पर खरा उतरता हो। बार कॉउंसिल द्वारा लगाई गई शर्तों के मुताबिक अगर किसी सदस्य का मकान शहर में हो और उसके माता या पिता पहले से वकील हो और उसके पास किसी भी प्रकार की कार न हो। एडवोकेट बिश्नोई ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में ज्यादातर छोटे शहर है और उनमें छोटे रिहायशी मकान भी सस्ते हैं, केवल रिहायशी मकान होना समृद्ध होने का सूचक नहीं हैै। इसी प्रकार किसी वकील के पास अगर एक लाख रुपये तक की कार है तो क्या वो वकील समृद्ध कहलायेगा। एडवोकेट बिश्नोई ने कहा कि बार कॉउंसिल की तरफ से वेलफेयर टिकटें जारी की हुई है जो हर अधिवक्ता को वकालतनामा के साथ लगानी अनिवार्य है और आज भी इनकी करोड़ों रूपये की राशि एडवोकेट वेलफेयर फंड में जमा है और इनके जमा करवाने का उद्देश्य भी यही है कि मुसीबत में जरूरतमंद वकीलों को इसमे से सहायता प्रदान की जा सके। वरिष्ठ अधिवक्ता ने इन अनावश्यक शर्तों को तुरंत हटाने की मांग के साथ एडवोकेट वेलफेयर फंड से जरूरतमंद वकीलों को बिना किसी विलम्ब के यह राशि जारी करने की मांग की है।