हरियाणा

खारा बरवाला में प्रशिक्षण व जागरूकता शिविर में ग्रामीणों को दिए टिप्स

हिसार।

-खारा बरवाला गांव में आयोजित कार्यक्रम में गोबर गैस प्लांट के क्षेत्र में अग्रणी रहने वाले किसान को सम्मानित करते आयोजक
ग्रामीणों को रोजगारपरक बनाने के लिए आदमपुर खंड के गांव खारा बरवाला में प्रशिक्षण व जागरूकता शिविर लगा कर विशेष टिप्स दिए गए। सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत राज्य सभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने खारा बरवाला गांव को भी गोद लिया हुआ है। शिविरों का आयोजन डॉ. चंद्रा द्वारा गोद लिए गए गांवों के लिए बनाए गए ‘सबका विकास संघÓ व ‘जम्भ शक्ति संस्था’ संयुक्त रूप से किया गया।
गोबर गैस प्लांट के फायदे बारे बोलते हुए खादी ग्रामो उद्योग के ग्रामीण ऊर्जा तकनीशियन विकास गोदारा ने कहा कि पशुओं का ‘गोबर’ बेकार नहीं है, इससे धन और राहत दोनों ही मिल सकते है। बस जरूरत है, तकनीक को समझते हुए इसके सही इस्तेमाल की। गोबर गैस प्लांट लगा कर जहां गैस की आपूर्ति पूरी कर धुएं से राहत पा सकते है, वहीं तैयार होने वाली खाद को बेच कर धन भी अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज कई ऑनलाइन वेबपोर्टल गोबर के उपलों को बेच कर मोटा मुनाफा कमा रहे है, यानि वे प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहे है। ऐसा ही हमें करना होगा, तकनीक का इस्तेमाल करते हुए काम करेंगे तो कामयाबी जरूर मिलेगी। उन्होंने ग्रामीणों को गांव में खोले जाने वाले स्किल डेवलेप्मेंट सेंटर बारे भी बताया। श्री गोदारा ने कहा कि ग्रामीण अपने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ रोजगार परक ट्रेनिंग दिलवाएं। उन्होंने ग्रामीणों को खादी ग्रामो उद्योग के तहत मिलने वाले स्कीम व लोन इत्यादि बारे भी टिप्स दी। ग्रामीणों ने इस बीच गांव में जल्द ही सोया मिल्क मेकिंग व डेयरी फार्मिंग के लिए गांव में विशेष शिविर लगवाने की भी मांग की। गांव की सरपंच शालू ने कहा कि राज्य सभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा के प्रयास है कि ग्रामीणों की खेती के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों से भी आय अर्जित करने के विकल्प खोजे जाए। ऐसे में इस दिशा में काम किया जा रहा है। इस दौरान सरपंच प्रतिनिधि दवेंद्र कुमार भी मौजूद थे।
उन्नत किसानों को भी किया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान ‘सबका विकास संघ’ व ‘जम्भ शक्ति संस्था’ के प्रतिनिधियों ने गांव के उन उन्नत किसानों व ग्रामीणों को सम्मानित किया, जिन्होंने गोबर गैस प्लांट की दिशा में काम करते हुए आज स्वयं को स्थापित किया है। करीब 1 दर्जन ऐसे ग्रामीणों को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की तरफ से जारी किया गया प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।

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