हिसार

गुजविप्रौवि के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग ने तैयार की ‘कोरोना हैल्प ऐप’

जरूरतमंद परिवारों की मदद में प्रमुख भूमिका निभाएगी ‘कोरोना हैल्प ऐप’

हिसार,
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कंप्यूटर साईंस एंड इंजीनियरिंग विभाग ने आम जनता की परेशानी को देखते हुए एंड्रायड एप्लीकेशन ‘कोरोना हेल्प ऐप’ डिजाइन की है। यह ऐप गरीब लोगों को राशन बांटने की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएगी और इससे जरूरतमंद परिवार को खाने का राशन मिल पाएगा। जैसे कि कई बार दानदाता या दानी एक ही जगह पर राशन कई बार बांट देते हैं और जिनको असल में जरूरत होती है वे रह जाते हैं। यह एप्लीकेशन दान देने वाले को कुछ डिटेल दान देते समय ही दिखा देगा कि उस परिवार को पहले कितना राशन मिला था कब और कितने दिन के लिए दिया गया था और किसके द्वारा दिया गया था। इससे राशन को सही तरीके से बांटा जा सकेगा। इस ऐप की दूसरी विशेषता यह है कि यह उन सभी आम दुकानदारों को जोड़ेगा जिससे हर एक दुकानदार आर्डर प्राप्त कर सकेगा। इस ऐप में ग्राहक अपनी सुविधा अनुसार सामान की डिटेल लिखकर दुकानदार को भेज सकता है। अगर दुकानदार को कुछ समझ नहीं आ रहा हो तो वह ग्राहक को सीधा फोन करके पूछ भी सकता है जिससे आम आदमी को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से रोका जा सकता है। साथ ही सभी छोटे बड़े दुकानदारों का काम भी चलता रहेगा।
आर्डर का बिल अदा करने के लिए कैश और ऑनलाइन दोनों ऑप्शन इस ऐप पर मौजूद हैं। इस ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप के दो प्रकार हैं जिनमें से एक का नाम ईजीबिजनेस है इस बिजनेस ऐप पर दुकानदार, पुस्तक विक्रेता, मेडिकल शॉप, फल व सब्जी विक्रेता अपना अकाउंट बना सकते हैं तथा इस ऐप पर आर्डर प्राप्त कर सकते हैं।
दूसरी ऐप जिसका नाम इजी रखा गया है जो कि ग्राहक, दानदाता और कोरोना वारियर यानी डिलीवरी ब्वॉय के लिए डिजाइन की गई है।
ये रहे ऐप के मुख्य बिन्दु
1. एनएसएस वॉलिंटियर्स और कोरोना वॉरियर्स भी रजिस्टर कर सकते हैं इजी ऐप पर।
2. जरूरतमंद तक पहुंचेगा राशन तथा उसकी पिछली डिटेल भी रहेगी।
3. बाजारों में भीड़ नहीं लगेगी।
4. हर छोटे दुकानदार का काम भी चलेगा। आप जिस भी शहर में हो उसी शहर के दुकानदारों की लिस्ट आपको आर्डर करते समय दिखाएगा।
5. आप व्हाट्सएप से मैसेज भी कर सकते हैं।
6. पंजीकरण के समय ओटीपी और बिजनेस आईडी आपके मोबाइल पर आएगी, साथ ही जब डिलीवरी ब्वॉय आपको डिलीवरी देने आएगा तो आपसे एक हाई सिक्योरिटी ओटीपी की मांग करेगा जो कि ऑर्डर एक्सेप्ट होने पर आपके पास पहुंच जाएगा।
7. डिलीवरी ब्वॉय की ड्यूटी और जगह प्रशासन भी बता सकेगा।
8. ग्राहक अपने जानकार दुकानदार को भी ऑर्डर कर सकता है।
यह ऐप गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने सोसायटी को समर्पित की है। इस ऐप को बनाने में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत सहायक प्रोफेसर सुनील वर्मा व एमसीए द्वितीय वर्ष के छात्र संदीप कुमार का अहम रोल रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने सुनील वर्मा व संदीप कुमार का धन्यवाद किया और कहा की कोरोना की लड़ाई में इस ऐप का महत्वपूर्ण योगदान साबित हो सकता है।

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