हिसार

हाथ के हुनर में दक्ष होकर जीवन की लड़ाई को आसान बनाने में लगे श्रमिक

शैल्टर होम में रहने वाले श्रमिकों को दी जा रही इलेक्ट्रीशियन, पलम्बर, कारपेंटर व एसी मैकेनिक की ट्रेनिंग

हिसार,
लॉकडाउन के कारण शैल्टर होम में रहने वाले अलग-अलग जिलों व राज्यों के श्रमिकों को जिला प्रशासन के प्रयासों से हाथ के कामों में हुनरमंद बनाया जा रहा है ताकि उनके जीवन की लड़ाई को आसान बनाया जा सके। हिसार कैंट के पास स्थित शौर्य पैलेस में रहने वाले 87 श्रमिकों को इलेक्ट्रीशियन, पलम्बर, कारपेंटर व एसी मैकेनिक जैसे कार्यों में दक्ष बनाया जा रहा है। आज उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने श्रमिकों के कौशल विकास प्रशिक्षण का निरीक्षण किया और इनके हौसले की सराहना की।
दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक के लिए लॉकडाउन लागू होने के बाद एक स्थान से दूसरे स्थानों को जाने वाले कामगारों के आवागमन को रोकते हुए इन्हें अस्थाई रैन बसेरों में रखा गया था। प्रदेश सरकार के आदेश थे कि इन श्रमिकों के कल्याण के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएं और इनके लिए ऐसी गतिविधियां शुरू करवाई जाएं जो भविष्य में इनके काम आए।
इसी के मद्देनजर उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी के मार्गदर्शन में जिला में स्थापित किए गए 7 शैल्टर होम्स में ठहराए गए लगभग 350 श्रमिकों के लिए रहने, खाने, मनोरंजन के लिए टेलीविजन आदि की समुचित व्यवस्था करवाई गई। कामगारों के लिए पतंजलि योग समिति द्वारा प्रतिदिन हवन, योग व आसन आदि भी करवाए जाते हैं। हिसार कैंट के पास स्थित शौर्य पैलेस में सबसे अधिक 135 श्रमिक रह रहे थे। इनमें से उत्तरप्रदेश के कुछ श्रमिकों को दो दिन पहले वहां की सरकार की पहल पर उनके गृह राज्य में भिजवा दिया गया। अब इस शैल्टर होम में लगभग 87 श्रमिक रह रहे हैं।
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि इन श्रमिकों के समय का सदुपयोग करने और इनकी भविष्य की राह को आसान बनाने के लिए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को इनके कौशल विकास के संबंध में निर्देशित किया गया था। इसके फलस्वरूप इन श्रमिकों के लिए इलेक्ट्रीशियन, पलम्बर, कारपेंटर व एसी मैकेनिक जैसे कोर्स शुरू किए गए हैं। आईटीआई के प्रशिक्षक प्रतिदिन यहां आकर इन्हें इन कार्यों में पारंगत बना रहे हैं और धीरे-धीरे श्रमिक भी इन कामों को सीखने में रुचि लेने लगे हैं।
उपायुक्त ने बताया कि यहां से अपने घरों में जाने के बाद इन कामगारों को जब तक अपना पुराना रोजगार प्राप्त नहीं हो जाता तब तक ये यहां से प्राप्त प्रशिक्षण के आधार पर हाथ का काम करके गुजारा कर सकेंगे। इससे इनके जीवन की राह आसान हो सकेगी। शैल्टर होम में कामगारों को सामाजिक दूरी रखने, मास्क लगाने, साफ-सफाई रखने तथा हाथ धोने जैसे सभी जरूरी नियमों का पालन भी करवाया जा रहा है। यहां महिलाओं व बच्चों के लिए भी दूध व अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
डॉ. प्रियंका सोनी ने यहां रहकर काम सीख रहे कामगारों से बातचीत की और इस बारे में उनके अनुभव पूछे। उपायुक्त ने कहा कि यदि वे लगन व मेहनत के साथ काम करेंगे तो उन्हें शायद भविष्य में मजदूरी न करनी पड़े और वे हाथ के काम में इतने हुनरमंद हो जाएं कि अपना स्वयं का रोजगार शुरू कर सकें। श्रमिकों ने अपने प्रति इतनी संवेदनशीलता के लिए उपायुक्त का आभार व्यक्त किया। उपायुक्त ने उनके जज्बे व हिम्मत की सराहना करते हुए उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने श्रमिकों को दी जा रही सुविधाओं के संबंध में शैल्टर होम के नोडल अधिकारी एक्सईएन रमेश कुमार से भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को यहां रहने के दौरान किसी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी।
इस अवसर पर जिला परिषद के सीईओ मनोज कुमार, एक्सईएन रमेश कुमार, डीआईपीआरओ सुरेंद्र सैनी, आरएंडएसी के इंस्ट्रक्टर कर्णसिंह, पलम्बर ट्रेड के सतीश न्योल व मुकेश कुमार, इलेक्ट्रिकल के दीपक कटारिया व कारपेंटर से राकेश कुमार, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के जिला प्रभारी मुकेश कुमार सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी व स्वयं सेवक उपस्थित थे।

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