हिसार

देसाई बीड़ी की जमकर कालाबाजारी, 50 रुपए तक बिका एक बंडल

आदमपुर,
आदमपुर में अधिकतर समानों की कालाबाजारी किरयाणा स्टोर वाले कर रहे हैं। सबसे ज्यादा काला बाजारी देसाई बीडी की हो रही है। महज 9—10 रुपए में बिकने वाला बीड़ी का बंडल आदमपुर में 30 से लेकर 50 रुपए तक बेचा जा रहा है। चौकान्नें वाली बात तो ये है कि कुछ सब्जी के रेहड़ी वाले भी ये बंडल बेच रहे हैं। आदमपुर में देसाई बीड़ी की एक ही एजेंसी है। लॉकडाउन के चलते एजेंसी बिल्कुल बंद रही। अब स्टॉक समाप्त हो जाने पर बाहर से बीड़ी आ नहीं रही। इसके चलते कुछ दुकानदारों ने जमकर काला बाजारी करनी आरंभ कर दी। छोटे दुकानदारों का कहना है कि थोक विक्रेताओं ने भारी मुनाफा खोरी के चलते सभी प्रतिबंधित चीजों पर कई गुना मनमानी रेट बढ़ा दिये हैं। जबकि मनमाने रेट में भी माल भी कम दिया जा रहा है। प्रतिबंधित चीजों पर रोज रेट बढ़ाये जा रहे हैं। ऐसा ही हाल ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों पर बना हुआ है।

आदमपुर क्षेत्र में देसाई की मांग ज्यादा
आदमपुर क्षेत्र में अन्य ब्रांड की जगह देसाई बीड़ी की मांग सबसे ज्यादा रहती है। धूम्रपान के आदि लोगों की पहनी पसंद होने के कारण पहले भी कई बार देसाई बीड़ी की कालाबाजारी क्षेत्र में होती रही है। लेकिन ये पहला अवसर है जब बीड़ी के बंडल के 5गुणा तक दाम वसूले जा रहे हैं। अधिकतर बड़े किरयाणा स्टोर पर तीन हफ्ते पहले ही बीड़ी का स्टॉक समाप्त समाप्त हो गया था। ऐसे में अब कुछ दुकानदारों ने मनमाने दाम वसूलने आरंभ कर दिए हैं। हद तो इस बात की हो गई कि कई सब्जी की रेहड़ी लगाने वाले भी बीड़ी के बंडल सरेआम बेच रहे हैं। ये लोग 30 रुपए का बंडल लाकर 50 रुपए तक बेच रहे हैं।

पेट साफ करने का जरिया बीड़ी
सब्जी रेहड़ी वाले से 50 रुपए में बीड़ी खरीदने वाले अधिकतर किसान है। धूम्रपान के आदि ये किसान बीड़ी की तलाश में इन रेहड़ी वालों के पास आते हैं तो ये काफी मान—मिन्नतों के बाद एक से दो बंडल ही एक किसान को बेच रहे हैं। 50 रुपए में बीड़ी खरीदने वालों में उन लोगों की संख्या ज्यादा है जिनका पेट बिना बीड़ी पीए साफ नहीं होता।

एक—एक बीड़ी के भी दाम
आमतौर पर धुम्रपान करने वालों में मांगकर बीड़ी पीने की भी आदत होती है। लेकिन बीड़ी की कालाबाजारी में अब एक—एक बीड़ी भी बिकने लगी है। निम्न तबके में अब 6 रुपए में 2 बीड़ी पिलाने वाला एक गिरोह भी सक्रिय हो गया है।

प्रशासन मूक दर्शक
बीड़ी की कालाबाजारी के बारे में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को भी है। लेकिन वो इन मामले में पूरी तरह से मूकदर्शक बना हुए हैं। वैसे भी आदमपुर में प्रशासन लॉकडाउन के दौरान कार्रवाई करने के नाम पर महज खानापूूर्ति करता नजर आ रहा है। यहीं कारण है कि आदमपुर में अधिकतर दुकानदार बिना मास्क के दुकान पर बैठे रहते हैं। आनाज मंडी में दुकानदारों की टोलियों को भी सरेआम देखा जा सकता है।

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