फतेहाबाद

जिला में मेरा पानी-मेरी विरासत स्कीम के क्रियांवन के लिए डीसी ने किया टीमों का गठन

40 लीटर से कम भूजल स्तर वाले खंडों में स्कीम लागू, स्कीम में रतिया खंड हुआ शामिल

फसल विविधिकरण अपनाने वाले किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 7 हजार रुपये

फतेहाबाद,
उपायुक्त रवि प्रकाश गुप्ता ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा धान से वैकल्पिक फसलों जैसे मक्का, कपास, बाजरा व मूंग में विविधीकरण के लिए 2.5 लाख एकड़ भूमि का लक्ष्य रखा गया है। इस फसल विविधीकरण से लगभग 85-90 प्रतिशत पानी की बचत की जा सकती है। एक एकड़ धान की फसल की सिंचाई के लिए 80 लाख लीटर पानी की खपत होती है। विविधीकरण वाली फसलों में 10-20 प्रतिशत पानी की खपत होगी। इस प्रकार से 1 एकड़ में 68 लाख लीटर पानी बचेगा।
कम भूजल स्तर वाले खंडों में मेरा पानी-मेरी विरासत स्कीम लागू
उपायुक्त ने बताया कि हरियाणा में जिन खंडों में भूजल स्तर 40 लीटर से भी ज्यादा नीचे चला गया है, उन खंडों में मेरा पानी-मेरी विरासत स्कीम लागू की गई है। इसके तहत जिला में खंड रतिया का चयन किया गया है। इस खंड में भूजल स्तर 42 मीटर है। उपायुक्त ने बताया कि खंड रतिया के 52 गांव में खरीफ 2019 के दौरान 31220 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की काश्त की गई थी, जिसे इस वर्ष घटाकर 50 प्रतिशत यानी 15550 करना है।
डीसी ने किया टीमों का गठन, किसानों को करेंगी फसल विविधिकरण बारे प्रेरित:-
जिला फतेहाबाद में इस स्कीम के क्रियान्वयन के लिए टीमों का गठन किया गया है। सभी टीम प्रत्येक गांव में जाकर किसानों से संपर्क करके उन्हें फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे। मौके पर ही किसान का पूर्ण ब्यौरा तैयार किया जाएगा, ताकि किसान को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करवाने बारे आगामी कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
डीसी ने डीआरओ व डीडीपीओ को दिए निर्देश
उपायुक्त रवि प्रकाश गुप्ता ने जिला राजस्व अधिकारी राजेश कुमार को निर्देश दिए हैं कि संबंधित पटवारी व तहसीलदार इस कार्य में सहयोग करें, ताकि किसान फसल विविधीकरण को अपना सके। इसके साथ ही उपायुक्त ने जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी बलजीत सिंह चहल को भी निर्देश दिए हैं कि खंड रतिया, फतेहाबाद व जाखल में पंचायत के अधीन भूमि पर धान की बिजाई/रोपाई न हो, यह सुनिश्चित किया जाएं। स्कीम की प्रगति रिपोर्ट दैनिक आधार पर संकलित करके उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।
फसल विविधिकरण अपनाने वाले किसानों को प्रति एकड़ मिलेंगे 7000 रुपये
धान का जो क्षेत्र कम किया जाएगा, उसमें किसान कपास, मक्का, बाजरा या मूंग की फसल ले सकते हैं तथा इसके लिए सरकार द्वारा 7000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि किसानों को दी जाएगी। इस स्कीम में केवल वहीं किसान प्रोत्साहन के लिए पात्र होंगे जो भूमि के 50 प्रतिशत या अधिक हिस्से का विविधीकरण करेंगे। जिन ट्यूब्वैलों पर 50 एचपी से ज्यादा की मोटर होगी, उन बिजली कनेक्शन वाले सभी किसानों को धान लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। विविधीकरण करने वाले किसानों की फसल सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी तथा मक्की को सुखाने के लिए संबंधित मंडियों में सरकार द्वारा मक्का ड्रायर भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। धान की वैकल्पिक फसल उगाने पर ड्रिप सिंचाई के अंतर्गत 85 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। किसानों को मक्का का उत्तम किस्म का बीज उपलब्ध करवाने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा ज्यादा उत्पादन वाले सिंगल क्रॉस शंकर बीज बनाने वाली 5-6 कंपनियों को सूचीबद्ध किया जाएगा। इसके अतिरिक्त फसल विविधीकरण के लिए कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा तथा मक्का बिजाई करने के लिए न्यूमेटिक/साधारण मक्का बिजाई मशीन रतिया खंड में उपलब्ध करवाई जाएगी।
किसान को निर्धारित प्रपत्र में देना होगा जमीन का ब्यौरा
जिला फतेहाबाद के खंड फतेहाबाद जाखल व रतिया के पंचायत के अधीन भूमि में धान लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा प्रोत्साहन राशि संबंधित ग्राम पंचायत को ही दी जाएगी। खंड रतिया के अलावा भी अन्य खंडों से यदि कोई किसान धान को छोडक़र फसल विविधीकरण अपनाता है तो वह भी सरकार से 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का पात्र होगा तथा इसका लाभ लेने के लिए किसान को अपनी जमीन का ब्यौरा जैसे वर्ष खरीफ 2019 के दौरान उस क्षेत्र में लगाई गई फसलों का विवरण तथा इस वर्ष लगाई गई फसलों का विवरण निर्धारित प्रपत्र में स्वयं के हस्ताक्षर सहित गांव के नंबरदार, राजस्व पटवारी व संबंधित कृषि विकास अधिकारी से सत्यापित करवाना होगा। फसल विविधीकरण बारे एक वेब पोर्टल भी तैयार किया गया है, जिस पर फसल विविधीकरण बारे पूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी तथा किसान का पूर्ण विवरण इस पर अपलोड किया जाएगा।

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