हिसार

किसानों के मसीहा व सच्चे हितैषी थे चौधरी चरण सिंह : केपी सिंह

पूर्व प्रधानमंत्री को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में दी भावभीनी श्रद्धांजलि

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में शुक्रवार को किसानों के मसीहा व भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह मुख्य अतिथि थे। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
प्रो. केपी सिंह ने चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए कहा कि वे किसान व कमेरा वर्ग के सच्चे हितैषी थे। इसलिए ही उन्हेें किसानों का मसीहा कहा गया है। ग्रामीण परिवेश में जन्में व एक साधारण गरीब परिवार में पले-बढ़े होने के कारण वे किसानों व गरीब लोगों की समस्याओं को भली-भांति जानते थे। वे जीवन पर्यन्त किसान व कमेरा वर्ग के हितों व उनके उत्थान के लिए संघर्ष करते रहे। कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि चौधरी चरण सिंह का मानना था कि देश के विकास का रास्ता गांवों के खेतों व खलिहानों से होकर गुजरता है। जब तक किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होगी देश की प्रगति संभव नहीं है। साथ ही राष्ट्र तभी संपन्न हो सकता है जब उसके ग्रामीण क्षेत्र का उन्नयन किया गया हो तथा ग्रामीण क्षेत्र की क्रय शक्ति अधिक हो। इसलिए विभिन्न पदों पर रहते हुए और किसानों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कृषि विकास हेतु नई नीतियां बनाईं।
प्रोफेसर केपी सिंह ने कहा कि यह विश्वविद्यालय जिसके साथ चौधरी चरण सिंह का नाम जुड़ा है, उनकी नीतियों के अनुरूप देश के कृषि विकास के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा यदि हम चौधरी चरण सिंह द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर ईमानदारी व निष्ठापूर्वक कार्य करते हुए देश, प्रदेश तथा किसानों की प्रगति में अपना योगदान देते हैं तो यह इस महान नेता के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति के ओएसडी डॉ. एमके गर्ग, कुलसचिव डॉ. बीआर कंबोज सहित विभिन्न कालेजों के अधिष्ठाताओं, निदेशकों ने भी सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

Related posts

45 वाहन इंपाउंड करके वसूला 25 लाख जुर्माना

शोध कार्यों में गणित व आंकड़ों का महत्वपूर्ण योगदान : कुलपति

Jeewan Aadhar Editor Desk

कठिन परिस्थितियों में भी अपना पूरा योगदान दे रहे एमपीएचडब्लू