उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर इंजीनियर विंग ने अनुदान प्रक्रिया का सरलीकरण कर किसानों को पहुंचाई राहत
सिरसा,
सहायक कृषि अभियंता इंजीनियर डॉ.डी.एस यादव ने बताया कि कोरोना की वैश्विक महामारी के चलते किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े और विभाग के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ सरल व सीधे किसानों को मिले इसके लिए कृषि विभाग की कृषि इंजीनियर विंग ने कई अहम फैसले लिए है। विंग द्वारा पिछले एक माह के दौरान लिए कई निर्णयों से अनुदान प्रक्रिया का सरलीकरण हुआ है, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली है।
ऑनलाइन बिल अपलोड करने का दिया विकल्प
सहायक कृषि अभियन्ता इंजीनियर डीएस यादव ने बताया कि समैम स्कीम में विभिन्न कृषि यंत्रों के अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र आमत्रिंत किए गए थे। लॉकडाउन चलते किसानों को परमिट लेने व बिल जमा करवाने के लिए कार्यालय में आने से होने वाली परेशानी को देखते हुए इंजीनियर विंग ने विभाग को ऑनलाइन बिल जमा करवाने का विकल्प दिया। इस पर संयुक्त निदेषक इंजीनियर जेएस नैन के अथक प्रयासों के उपरांत उक्त योजना को मूर्त रुप मिला। विभाग ने प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया, जिसके तहत किसान घर बैठे ही अपने यंत्र का बिल विभागीय वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडोटएग्रीहरियाणासीआरएमडोटकोम पर 15 जून तक ऑनलाइन अपलोड कर सकते है।
सभी आवेदकों को परमिट देने का लिया फैसला
इंजीनियर डी0 एस0 यादव ने बताया कि पहले लक्ष्य अनुसार ही ड्रा के आधार पर कृषि यंत्रों के लाभार्थियों का चयन किया जाता था। अब विभाग ने फैसला लिया है कि उन सभी किसानों को कृषि यंत्रों के परमिट दिए जाएंगे, जो विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार अनुदान पाने के योग्य है। योजना को कृषि इंजीनियरिंग विंग के संयुक्त निदेशक इंजीनियर जे0 एस0 नैन ने उच्चाधिकारियों से सामंजस्य स्थापित करके अंजाम तक पहुंचाया।
सीधी बिजाई मशीन व पैडी ट्रांसप्लांटर पर अनुदान देने का फैसला
इंजीनियर डी0 एस0 यादव ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते किसानों को धान की बिजाई में कोई दिक्कत या परेशानी न आए इसके लिए कृषि इंजीनियरिंग विंग ने धान की सीधी बिजाई मषीन(डी0 एस0 आर0), पैडी ट्रांसप्लांटर, न्युमैटिक प्लांटर व मल्टी क्रोश प्लांटर पर अनुदान देने का त्वरित फैसला लिया। किसानों के लिए कृषि विभाग का यह कदम उक्त विपरीत परिस्थितियों में संजीवनी बूटी साबित हुआ। सीधी बिजाई मशीन के इस्तेमाल से न सिर्फ पानी की बचत होगी ब्लकि किसानों का समय व खर्च भी बचेगा।
मक्का बिजाई मशीन पर लिया सबसीडी देने का फैसला
इंजीनियर डी0 एस0 यादव ने बताया कि किसानों को फसल विविधीकरण के प्रति उत्साहित करने के लिए कृषि इंजीनियरिंग विंग ने मक्का बिजाई मशीन व रेज्ड बैड प्लांटर पर भी क्रमश: 30000 व 40000 रुपये अनुदान देने का फैसला लिया। उन्होंने किसानों से आह्वान किया है कि किसान कृषि विभाग की इन स्कीमों का भरपूर फायदा उठाए।