आओ अब वतन वापस आओ,
लौट आओ घर लौट आओ,
भारत अब विश्ववंदित है,
नेतृत्व और क्षमता असीमित है,
अवसर अत्यंत सुनहरा है,
भेद बड़ा ही गहरा है,
परदेस नहीं अब देश चुनो,
हर सपना इसके लिए बुनो।।
तकनीक के योद्धा आओ तुम,
अपना कौशल दिखलाओ तुम,
‘मेक इन इंडिया’ का मोदी मंत्र,
इस मंत्र में ही निहित है तंत्र,
अब इस को सफल बनाओ तुम।।
श्रम की कोई कमी ना भारत में,
धन भी विपुल है भारत में,
तकनीक तुम्हारी होगी तो,
तरकीब तुम्हारी होगी तो,
राहें आसान हो जाएंगी,
सारी बाधाएं मिट जाएगीं,
हाथों में तुम्हारे जादू है,
लोह पारस बन जाएगा,
जब साथ तुम्हारा पाएगा।।
सही बात तो यह है भाई,
ड्रैगन अति बौखलाया है,
उसका वर्चस्व डगमगाया है,
अपने ही दांव में उलझ गया,
सारा बाजार गंवाया है,
गीदड़ भभकी नहीं चली,
जब भारत से टकराया है।।
अपना माल अपना बाजार,
‘स्वदेशी’ होगा धारदार,
‘चीनी’ होगा घर से बाहर,
हर संभव प्रयत्न करेंगे हम,
हर अड़चन दूर करेंगे हम,
सारे सामरिक अस्त्र शस्त्र,
सॉफ्टवेयर हो या हार्डवेयर,
मेडिसन हो या परिधान,
अब अपना देश बनाएगा,
खुद भी रखें निर्यात करें,
ऐसा ही उपाय करें।।
नकली माल नहीं लेंगे,
असली दाम नहीं देंगे,
उस दाम से बंदूकें लेकर,
हम पर ही पलटवार हो,
ऐसा अब कभी नहीं होगा,
थोड़ा श्रम थोड़ा संयम,
अपने ही साधनों का दोहन,
परिणाम चमत्कारी होगा।।
ऐसा उद्देश्य अब ठाना है,
आत्मनिर्भर बन जाना है,
जो बीत गई सो बात गई,
अंध्यारों वाली रात गई,
अब नवप्रभात की बेला है,
नव निर्माण यज्ञ होगा,
हर हाथ आहुति डालेगा,
भारत को समर्थ बना लेगा।।
– हर्षा जैन