हिसार

वृद्धा ने बाग के लिए गिरवी रख दिये जेवर व जमीन, दबंगों ने उखाड़ दी पाईप लाईन

सब्जियों व फल फ्रूट के पौधे सूखे, 32 लोगों का छीन गया रोजगार

हिसार,
नजदीकी गांव तलवडी रुक्का की वृदा अंगूरी देवी ने जेवर व खानदानी जमीन बेच कर बागवानी व पोलीहाऊस शुरु किया। अनेक लोगों को स्थाई रोजगार दिया लेकिन कुछ दबंग लोगों ने उनके टयूबैल की पाइप लाइन गैर कानूनी तरीके से उखाड़ दिया जिसके कारण बाग व पोलीहाऊस में लगी सब्जियां सूख गई और वृद्धा को लाखों का नुकसान झेलना पड़ा। इतनी ही नहीं 32 लोगों का रोजगार भी छिन गया। इस मामले को सुलझाने के लिए ग्रामीणों से कई बार पंचायतें हुई परंतु कोई समाधान नहीं निकला। पीड़िता अंगूरी देवी व उनके बेटे सुरेश ने इसी वर्ष फरवरी महीने से उपायुक्त से टयूबैल की पाइप लाईन दोबारा से जुड़वाने की गुहार लगा रखी है। उनकी फाइल 4 महीने से अधिकारियों के पास घूम रही है परंतु उसकी कोई सुनवाई नही हुई है। वृद्धा ने मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री व जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि उनकी पाइप लाईन को जुड़वाया जाए। इसके अलावा बाग में लगे 12 हजार पेड़ पौधों को उजड़ने से बचाने के लिए पाईप लाईन जोड़ी जाए।
खास बात यह है कि इस बाग में जर्मनी व साऊथ कोरिया के कृषि वैज्ञानिक भी दौरा कर चुके हैं। सुरेश इस बाग को हरियाणा के किसानों के लिए एक मॉडल बनाना चाहते हैं। विक​सित मॉडल बनाना चाहते हैं, जिसे देख कर किसानों की आय दोगुणी हो सके। अंगूरी देवी ने बताया कि उसने वर्ष 2012 में अपने जेवर व खानदानी जमीन बेच कर गांव में सडक के साथ 60 कनाल 5 मरले जमीन श्रीराम व उनके पुत्रों से खरीदी थी। इस जमीन पर बाग व पोलीहाऊस लगाया। नहरी पानी के अतिरिक्त आवश्यकता होने के कारण पानी की पूर्ति के लिए गांव स्याहड़वा में नहर के समीप एक कनाल जमीन खरीद ली और उसमें ट्यूबैल लगा लिया। रास्ते में आने वाली जमीन पर सरकार की हिदायतों के अनुसार जमीन के 3 फुट नीचे पाईप लाईन दबाकर अपने बाग में पानी लेकर आए। गांव के दंबगों ने 19 नवंबर को उनकी पाईप लाईन उखाड़ दी। पानी की कमी के कारण बाग व पोली हाऊस में लगी सब्जियां सूख गई। किसान सुरेश ने फरवरी महीने में उपायुक्त को शिकायत दी थी। पानी नही मिलने से उनका लभगग 60 लाख रुपयों का नुकसान हो गया है। पानी न मिलने के लिए उन्हें मजबूरी में पानी के 10 से 12 टैंकर मंगवाने पड़ते जिसमें एक टैंकर की कीमत 500 रुपये है। सुरेश ने कहा कि उनका यही सपना था कि वे मुंबई से हिसार आकर हरियाणा के किसानों को बागवानी के प्रति किसानो को जागरुक करके उन्हे समृद बनाने का काम करेंगे। उन्होंने बताया कि जर्मनी व साऊथ कोरिया के कृषि वैज्ञानिक उनके बाग में दौरा कर चुके हैं। हरियाणा के किसानों के लिए इस बाग को वे विशेष मॉडल बनाना चाहते थे परंतु पानी की पाईप लाईन न मिलने के कारण 12 हजार पेड़ पौधे उजड़ रहे है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि पाईप लाईन जल्दी जुड़वाई जाए, लगभग 60 लाख रुपयों के नुकसान की भरपाई करवाई जाए ताकि 32 लोगों को रोजगार के अवसर जल्द मिल जाए।

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Jeewan Aadhar Editor Desk