रतिया,
उपायुक्त डॉ नरहरि सिंह बांगड़ के दिशा निर्देशानुसार वीरवार को स्थानीय इमपेरियल पैलेस में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा मेरा पानी-मेरी विरासत को लेकर किसान गोष्ठी, आत्मा स्कीम व फसल विविधिकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न गांवों के सरपंच व किसानों ने भाग लिया। उपमंडलाधीश सुरेंद्र सिंह बेनिवाल ने सेमीनार को संंबोधित किया और किसानों से संवाद स्थापित किया।
उपमंडलाधीश सुरेंद्र सिंह बेनिवाल ने किसानों, सरपंचों व कृषि विभाग के अधिकारियों से मेरा पानी-मेरी विरासत योजना को धरातल पर उतारने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भू-जल स्तर गिर रहा है। इसलिए वे ऐसी फसलें लगाएं, जिनमें सिंचाई की कम जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष धान की फसल को त्याग, मक्का और बागवानी फसल उगाने पर सरकार द्वारा 7 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से वित्तीय सहायता दी जा रही है। किसान अपनी इच्छानुसार कपास, बाजरा, दलहन, गन्ना, सब्जियां और फलों की खेती कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए किसान टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर संपर्क कर सकते है तथा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र, बागवानी विभाग से भी संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज रतिया क्षेत्र का भू-जल स्तर 40 मीटर से अधिक नीचे चला गया है जो कि हमारे लिए सोचने का विषय है। उन्होंने बताया कि अगर पानी ऐसे ही नीचे जाता रहा तो आने वाली पीढिय़ों के लिए काफी नुकसानदायक होगा। इस अवसर पर कृषि व अन्य विभागों से आए हुए अधिकारियों ने भी मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के अंतर्गत किसानों और संरपचों के सामने अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल विविधिकरण योजना का लाभ उठाना चाहिए। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, बागवानी विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना, आत्मा स्कीम, बागवानी स्कीमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर उप निदेशक डॉ राजेश सिहाग, एसडीओ भीम सिंह, मुकेश मेहला, डॉ संदीप भाकर, बीडीपीओ रमेश मिथलानी, एसडीओ अमरजीत कुंडूं, डॉ सुभाष, डॉ सरधाल मान, डॉ सुभाष, अर्जुन पूनिया, सुभाष हुड्डा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।