हिसार

सरकार विरोधी नारेबाजी व प्रदर्शन के नाम रहा दिन

उकलाना मंडी (ईश्वर धर्रा),
अढाई माह के लॉकडाउन के लंबे ठहराव के बाद आज अनलॉक (1) का प्रथम सोमवार सरकार विरोधी प्रदर्शन एवं नारेबाजी के नाम रहा। आज भारतीय किसान युनियन ने सडक़ पर उतरकर प्रदर्शन किया। उकलाना बचाओ संघर्ष समिति व अन्य शहरी संगठनों ने उकलाना को प्रस्तावित हांसी जिले से जोड़ने के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा। दो सप्ताह पूर्व उकलाना के वार्ड छह को कंटेनमेंट घोषित क्षेत्र को सुरक्षित होने पर कंटेनमेंट आदेश वापस लेने का मांग पत्र भी नागरिकों ने भेट किया। भारतीय किसान युनियन के जिला प्रधान सुमेर कुंडू व कांग्रेस नेता अजय कुंडू के नेतृत्व में काफी संख्या में किसानों ने मुख्य सड़क मार्ग पर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की। इन नेताओं ने अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी नायब तहसीलदार धर्मवीर नैन को भेट किया। सुमेर कुंडू ने मीडिया को बताया कि किसानों की समस्याओं को लेकर दिनांक 3 जून 2020 को भारतीय किसान यूनियन की प्रदेश स्तरीय किसान पंचायत का आयोजन भाकियू मुख्यालय किसान भवन स्थित पानीपत में प्रदेश अध्यक्ष रतनमान की अगुवाई में किया गयाथा जिसमें प्रमुख तौर पर केंद्र व प्रदेश सरकार जानबूझ कर किसान समुदाय की लगातार अनदेखी करने की बात सामने आई। आज के दौर में किसान हताशा भरी जिंदगी जीने के लिए मजबूर है। प्रदेश में शासित भाजपा व जजपा की सरकार नाकारा साबित हो चुकी है, जिसके चलते प्रदेश के किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर है। प्रदेश का किसान भी कोरोना बारियर्स है। किसानों को भौइस महामारी में बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। यहां तक कि फल, फूल, सब्जियों सहित पोल्ट्री का किसान तबाह हो गया है लेकिन सरकार किसानों को आर्थिक मदद करने की बजाए कर्ज के मकड़जाल में फंसाने की योजनाएं बना रही है। उन्होंने आगे कहा कि किसानों की मांग है कि कर्ज नहीं सीधे तौर पर किसान को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। इन हालातों में किसानों को किसी प्रकार का बचाव का रास्ता दिखाई नही पड़ रहा है। भाजपा सरकार चुपचाप किसानों को बांदी व तमाशा ही नहीं देख रही है, बल्कि भारतीय किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। इसे किसी भी प्रकार से सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसानों की मांगो को हल नहीं किया जाता तो किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। आंदोलन की किसी भी स्थिति की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन व प्रदेश के मुख्यमंत्री की होगी। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2020-21 के धान खरीद मूल्य में (एमएसपी) में मात्र 53 रूपए प्रति किवंटल व अन्य फसलों में जो वृद्धि की गई है। उसे इस ज्ञापन के माध्यम से भाकियू नकारते हुए अस्वीकार करती है और भाजपा सरकार की कड़ी निंदा भी करती है। मांग पत्र में मांग की गई हैं कि किसानों को कर्ज मुक्त किया जाए, कोरोना के चलते किसानों के कल्याण हेतू हेडलाख करोड़ रूपए का राहत पैकेज जारी किया जाए, समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद गारंटी का कानून बनाए सरकार, सूरजमुखी व मक्के के घोषित समर्थन मूल्य पर जल्द से जल्द सरकारी खरीद शुरू की जाए, गन्ने की बकाया पेयमेंट जारी की जाए। इसके साथ प्रदेश सरकार इकबालपुर (उत्तराखंड) मिल की वकाया पेयमेंट दिलवाई जाए, लंबित बिजली के 82 हजार टयूबवेलों के कनेक्शन जारी करते हुए बिजली निगम का पोर्टल खोला जाए, नहरी राजबाहों व खालों की समुचित समय रहते सफाई करवाई जाए ताकि टेल तक नहरी पानी पहुंच सके, आने वाली 25 जून से नहरी खालों में धान की रोपाई के लिए पानी छोड़ा जाए, सहकारी पैक्सों के दवाई व खाद विक्री के लाईसेंसों का नवीनीकरण किए जाए, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि बढ़ाकर 24 हजार रूपए की जाए, बुढ़ापा, विकलांग व विधवा पेंशन चुनावी वादे के अनुसार 5100 रूपए प्रतिमाह दी जाए। उकलाना के काफी संख्या में नागरिक एकत्रित होकर उप तहसील में पंहुचे और बताया कि दो सप्ताह पूर्व दो प्रवासियों में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर इस क्षेत्र को कंटेनमेंट बना दिया गया था अब चूंकि ये लोग ठीक होकर अपने घर भेजे जा चुके हैं परंतु क्षेत्र के कंटेनमेंट बने रहने से निवासियों एवं दुकानदारों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही हैं। नायब तहसीलदार ने सुझाव दिया कि इस मामले को लेकर लोगों ने कानूनी प्रक्रिया के तहत उपायुक्त से मिलना चाहिए हम उनकी मांग प्रशासन को भेज देते हैं।

इसी तरह उकलाना बचाओ संघर्ष समिति का एक शिष्टमंडल भी उप तहसीलदार से मिला और एक मांग पत्र भेट किया। मांग पत्र में मुख्यमंत्री से मांग की गई हैं कि सरकार हांसी को नया जिला बनाए हमें कोई एतराज नहीं है परंतु उकलाना को हिसार में ही रखा जाए अगर उकलाना को हिसार से हटाकर हांसी में जोड़ा गया तो हम हर तरह से विरोध करेंगे।
इस शिष्टमंडल में सर्व व्यापार मंडल के प्रधान बाबूराम मित्तल, पूर्व प्रधान रामस्वरूप धायल, समिति के संयोजक सुरेंद्र लितानी, का. मोलड सिंह आर्य, महेश बंसल, सतीश दनौदा, गौशाला के प्रधान अभय राम मंगला, एडवोकेट देवा सिंह, महेंद्र, सुरेंद्र सेलवाल, राजकुमार गर्ग, विनोद गोयल, अशोक गर्ग, रोशन मित्तल, पप्पू जैन आदि ने भाग लिया।

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