हिसार,
यहां के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सालय में गाय के हर्निया का सफल ऑपरेशन किया गया। लुवास में पशु चिकित्सा के एमरजेंसी केसों का इलाज लगातार जारी है तथा पशु की जांच करवाने के बाद उसका आगे का जो भी इलाज है वो पशु चिकित्सालय में केवल आपातकालीन परस्थितियों के लिए किया जा रहा है।
फतेहाबाद निवासी भरतलाल अपनी बीमार गाय को लेकर लुवास स्थित पशु चिकित्सालय आये थे। इससे पहले बहुत बार फतेहबाद में स्थानीय पशु चिकित्सक द्वारा देखी-जांची गई एवं एवसिस (राद का फोड़ा) डायग्नोस किया गया लेकिन बीमारी काबू में ना आने की वजह से उसे हिसार लाया गया। तत्पश्चात लुवास पशु चिकित्सालय में उसके खून की जांच एवं अल्ट्रासोनोग्राफी द्वारा जांच पड़ताल करके पता लगा कि वह एक बहुत बड़ा हर्निया है। कोविड-19 कोरोना की घडी होने के बावजूद तत्काल लुवास के शल्य चिकित्सकों ने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया।
यह शल्य चिकित्सा चार घंटे चली। इस ऑपरेशन को प्रोपोफाल एवं आइसोफ्लुरेन एनेस्थीसिया के द्वारा सम्पन्न किया गया। हर्निया की रिंग का साइज़ 20 से.मी. इनटू 10 से.मी. था। यह सफल सर्जरी शल्य चिकित्सकों की टीम डॉ. सतबीर शर्मा, डॉ. नीरज अरोड़ा, डॉ. दीपक तिवारी एवं डॉ. दिनेश द्वारा की गई। इसमें पीएचडी छात्र डॉ. दीपक कौशिक एवं पशु सहायक अजय, जसबीर एवं सुनील भी शामिल रहे। पशुपालक ने सफलतापूर्वक सर्जरी पर लुवास कुलपति डॉ. गुरदियाल सिंह, अधिष्ठाता डॉ. दिवाकर शर्मा, विभागाध्यक्ष डॉ. वीके जैन तथा डॉक्टरों की टीम का आभार जताया एवं अनुशंसा की कि इस कोविड-19 महामारी के दौरान भी लुवास पशु चिकित्सक दिन-रात पशुपालकों की निस्वार्थ सेवा में जुटे हुए हैं।