नई दिल्ली,
सोमवार की रात लद्दाख में भारतीय सैनिकों पर किए गए हमले की देशभर के व्यापारियों ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि चीन को सबक सिखाना बहुत जरूरी है। चीन हमेशा भारत के खिलाफ साजिश रचता है और जब भी मौका मिलता है, भारत की संप्रुभता को चुनौती देता है।
दरअसल कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चीन को आर्थिक चोट पहुंचाने की तैयारी कर ली है। कैट ने चीनी प्रोडक्ट्स के बहिष्कार और भारतीय सामान के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘भारतीय सामान- हमारा अभिमान’ अभियान शुरू किया है।
कैट ने मंगलवार को 500 से अधिक चीजों की एक लिस्ट तैयार की है। जिसके अंतर्गत 3000 से अधिक वो उत्पाद हैं जो चीन में निर्मित होकर भारत में आयात होते हैं, जिनके बहिष्कार का आह्वान कैट ने अपने अभियान के प्रथम चरण में किया है। इन चीनी उत्पादों के बहिष्कार कर कैट ने दिसम्बर 2021 तक चीनी आयात में करीब एक लाख करोड़ रुपये की कमी लाने का लक्ष्य रखा है।
चीन के बहिष्कार की मुहिम, कैट ने तैयार की 500 सामानों की ये लिस्ट
कैट की इस सूची में रोजमर्रा में काम आने वाली वस्तुएं, खिलौने, फर्निशिंग फैब्रिक, टेक्सटाइल, बिल्डर हार्डवेयर, फुटवियर, गारमेंट, किचन का सामान, लगेज, हैंड बैग, कॉस्मेटिक्स, गिफ्ट आइटम, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन अपैरल, खाद्यान्न, घड़ियां, जेम्स एंड जूलरी, वस्त्र, स्टेशनरी, कागज, घरेलू वस्तुएं, फर्नीचर, लाइटिंग, हेल्थ प्रोडक्ट्स, पैकेजिंग प्रोडक्ट, ऑटो पार्ट्स, यार्न, फेंगशुई आइटम्स, दिवाली और होली का सामान, चश्मे, टेपेस्ट्री मैटेरियल वगैरह शामिल हैं।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कैट के अभियान को स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्तमान में चीन से भारत द्वारा आयात सालाना लगभग 5.25 लाख करोड़ यानी 70 बिलियन डॉलर का है।
कैट ने प्रथम चरण में उन 3000 से अधिक वस्तुओं का चयन किया है, जो भारत में भी बनती हैं, लेकिन सस्ते के प्रलोभन में अब तक चीन से इन वस्तुओं का आयात हो रहा था। इन वस्तुओं के निर्माण में किसी प्रकार की कोई टेक्नोलॉजी की आवश्यकता नहीं है, इसलिए भारत में निर्मित वस्तुओं का प्रयोग चीनी वस्तुओं के स्थान पर बहुत आसानी से हो सकता है और भारत इन वस्तुओं के लिए चीन पर अपनी निर्भरता को काफी कम कर सकता है।
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि भारत में अनेक वस्तुएं ऐसी हैं, जिनका निर्माण देसी और विदेशी कंपनियां भारत में कर रही हैं, फिलहाल ऐसी वस्तुओं को बहिष्कार के दायरे से बाहर रखा गया है। चीन में निर्मित वस्तुओं का भारत में आयात न हो, यह हमारे अभियान का उद्देश्य है।
उन्होंने यह भी कहा कि बहिष्कार में हर प्रकार की चीनी एप्लिकेशन भी शामिल हैं, जिन वस्तुओं में टेक्नॉलजी महत्व है फिलहाल उनको बहिष्कार में शामिल तब तक नहीं किया गया है, जब तक इस प्रकार की टेक्नोलॉजी का विकल्प भारत में विकसित नहीं हो जाता।