हिसार

तेल की मूल्य वृद्धि के खिलाफ वामदलों ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

उकलाना मंडी,
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लोकल कमेटी उकलाना बरवाला सीपीआईएम ने वामपंथी पार्टियों के केंद्रीय आह्वान पर पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में लगातार 22 दिनों के अंदर 20 बार बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर सरकार की पेट्रोलियम नीति के खिलाफ केंद्र सरकार का पुतला जलाते हुए नायब तहसीलदार उकलाना के कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
माकपा के विरोध प्रदर्शन को माकपा नेता कामरेड मियां सिंह बिठमड़ा व रामकुमार जांगड़ा ने संयुक्त बयान में कहा कि सरकार कोरोना की आड़ में जनता विरोधी फैसलों को लागू करके पूंजीपतियों तथा खुद के खजाने भरने के लिए जनता पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ थोप रही है। पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों ने जनता पर भारी मार डाली है दिसंबर से जून तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 60 प्रतिशत कच्चे तेल की कीमतें कम हुई है। प्रति बैरल कच्चा तेल के (159 लीटर) 38.50$ बिक रहा है लगभग 18 प्रति लीटर कीमत के साथ 5.25 शोध खर्च व 3.60 पैसे डीलर कमीशन जोड़ा जाए तो 26.86 रुपए कीमत बनती है। पिछले 22 दिनों में 20 बार कीमत बढ़ाई गई हैं, 9-12 पेट्रोल 11-01 रुपए डीजल 80.38 तथा 80.14 तक महंगा हुआ। इसमें 32.98 टैक्स तथा 18.35 सैस लगाकर गरीब किसानों मजदूरों वी आम लोगों को लूटा जा रहा है। केंद्र सरकार को कोरोना से उभरने के लिए देनी तो राहत चाहिए थी, लेकिन पेट्रोलियम के दाम बढ़ा कर जनता की कमर तोड़ने का काम किया है इसलिए केंद्र सरकार को बढ़ी हुई कीमतों को वापिस लेना चाहिए क्योंकि खेती संकट पहले से ही गरीब किसानों की जान ले रहा है, जिस कारण उनकी आर्थिक हालात और भी कमजोर होती जा रही है।
इस मौके पर रामकुमार सिंह, मिया सिंह, रणजीत खैरी, चन्द्र भान, दिलबाग किनाला, ओम सिंह, किसान नेता बलबीर पाब मौजूद रहे।

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