कैथल,
गुरु से दगा करके कोई सुख नहीं पा सकता—इस कथन को कैथल के सांघन डेरे में सत्य होते आमजन ने देख लिया। गत 24 जून की रात्रि को हुई गांव सांघन स्थित डेरे के महंत रामभज दास की हत्या के मामले में कैथल पुलिस ने चौंकाने वाले तथ्य पेश किए हैं। आज एसपी शशांक कुमार सावन ने महंत हत्याकांड में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि हत्या की वारदात में शामिल में दो आरोपी सहित 3 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है, जिन्होंने हत्यारोपियों की मदद की थी।
सोनीपत के बदमाशों को दी सुपारी
एसपी ने बताया कि महंत रामभज दास की हत्या अपने ही बुने गए जाल के कारण हुई है। मंदिर की प्रोपर्टी करीब 70-80 करोड़ रुपए की है, हनुमान मंदिर के महंत राघव दास शास्त्री की आयु करीब 98 वर्ष है। महंत रामभज दास इस गद्दी पर बैठना चाहता था, लेकिन उससे पहले इस गद्दी पर बैठने के ज्यादा आसार महंत छविराम दास के थे, क्योंकि वह यहां पर अक्सर आता-जाता था। गद्दी पर बैठने के लिए महंत रामभज दास ने एक षडयंत्र रचा, जिसमें उसने महंत राघव दास शास्त्री की हत्या की सुपारी 5 लाख रुपए में अजय मेहरा के माध्यम से सोनीपत के कुछ बदमाशों को दे दी।
एडवांस पैसों को लेकर हुआ विवाद
एसपी ने बताया कि एडवांस के तौर पर बाबा पहले ही 50 हजार रुपए गुंडों को दे चुका था। रामभज दास का प्लान था कि महंत राघव दास शास्त्री की हत्या के बाद, हत्या का आरोप छविराम दास पर लगा देंगे और उसके बाद उसका प्राचीन हनुमान मंदिर में गद्दी पर बैठने का रास्ता साफ हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। गत 24 जून को जब रामभज दास अपने साथ कुलबीर के साथ अजय मेहरा व बदमाशों से मिलने के लिए कलायत के पास गया तो वहां उनके बीच और एडवांस पैसों को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद बदमाशों ने लाठी-डंडों से ही रामभज दास की हत्या कर दी और वे मौके से फरार हो गए।
ये है हत्यारों की हिस्ट्री
इसके बाद गांव के लोगों ने महंत रामभज के हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर कैथल व गांव सांघन में जाम भी लगाया था। जाम लगाने के आरोप में भी पुलिस ने दर्जनों लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। अब पुलिस को इस हत्या के मामले में मुख्य आरोपी अजय मेहरा निवासी कैथल रोहित, महंक व आशीष निवासी सोनीपत की तलाश है। इन आरोपियों पर पहले ही लूट, लूट का प्रयास व हत्या के प्रयास सहित कई संगीन मामले दर्ज हैं और सोनीपत पुलिस को भी इनकी तलाश है।