हिसार

आईआईएम में छाया हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, 9 विद्यार्थियों का एक साथ चयन

बड़ी उपलब्धि के लिए शिक्षकों व विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने की विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के एक साथ 9 विद्यार्थियों का चयन भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में हुआ है। विश्वविद्यालय के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने विद्यार्थियों से सामूहिक मुलाकात कर उन्हे बधाई दी व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए बड़े गर्व की बात है कि एक साथ इतने विद्यार्थियों का आईआईएम में चयन हुआ है। इसके लिए उन्होंने विद्यार्थियों के कठिन परिश्रम व विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा दिए गए मार्गदर्शन को श्रेय दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों द्वारा दिया गया मार्गदर्शन व विद्यार्थियों का प्रयास निरंतर विश्वविद्यालय को नित्त नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।
गत वर्षों की तुलना में इस बार सबसे ज्यादा विद्यार्थियों का चयन, विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने बताया कि गत वर्ष आईआरएमए में लगभग देशभर से 200 विद्यार्थियों का चयन हुआ था, जिसमें पूरे देश के राज्य कृषि विश्वविद्यालयों से करीब 40 विद्यार्थी थे। विश्वविद्यालय के लिए यह बहुत ही गर्व की बात है कि इन 40 विद्यार्थियों में से अकेले हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के 11 विद्यार्थी शामिल थे। इसके अलावा आईआईएम में लगातार चार वर्षों से विद्यार्थियों का चयन हुआ है, जिनमें वर्ष 2017 में दो विद्यार्थी, वर्ष 2018 में चार विद्यार्थी, वर्ष 2019 में तीन विद्यार्थी और इस वर्ष सबसे ज्यादा 9 विद्यार्थियों का चयन हुआ है।
इन विद्यार्थियों का हुआ चयन
छात्र कल्याण निदेशक डॉ. देवेंद्र दहिया ने बताया कि इस बार 12 विद्यार्थियों का चयन मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में हुआ है। उन्होंने बताया कि आईआईएम में चयनित होने वाले विद्यार्थियों में बीएससी अंतिम वर्ष की छात्रा भावना व अमन मदान का चयन आईआईएम अहमदाबाद, प्रगति वर्मा का आईआईएम कोलकाता, सुंदरम बजाज का आईआईएम शिलांग, हर्ष वर्धन गोदारा का आईआईएम काशीपुर, भारती यादव का आईआईएम उदयपुर, राज कुमार का आईआईएम कोजीकोड़े, शुभम माथुर एवं भूषण मेहता का आईआईएम जम्मू शामिल हैं। इसके अलावा रेखा एवं दैविक कादयान का आईआरएमए में जबकि रीतू फोगाट का एनआईएएम में चयन हुआ है।
नेहरू पुस्तकालय का अहम् योगदान
आईआईएम में चयनित होने वाले अधिकतर विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश से संबंध रखते हैं। मध्यमवर्गीय परिवारों से संबंध रखने वाले संसाधनों के अभाव में ऐसे विद्यार्थियों के लिए आईआईएम के लिए तैयारी करना बहुत ही कठिन था, लेकिन विश्वविद्यालय का नेहरू पुस्तकालय विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हुआ। विद्यार्थियों अनुसार दिन में कॉलेज की कक्षाएं खत्म होने के बाद देर रात तक नेहरू पुस्तकालय में अपनी पढ़ाई जारी रखते थे। विश्वविद्यालय के नेहरू पुस्तकालय में इस तरह की प्रतियोगी प्रतियोगिताओं के लिए बहुत ही लाभदायक सामग्री मौजूद है, जो विद्यार्थियों के बहुत काम आई।
काउंसलिंग एंड प्लेसमेंट सेल ने किया मार्गदर्शन
विश्वविद्यालय में स्थापित काउंसलिंग एंड प्लेसमेंट सेल का भी विद्यार्थियों की इस सफलता के पीछे बहुत बड़ा योगदान है। चयनित होने वाले विद्यार्थियों सुंदरम बजाज, हर्ष वर्धन गोदारा, भावना, अमन मदान व शुभम के अनुसार छात्र कल्याण निदेशक डॉ. देवेंद्र दहिया व अतिरिक्त छात्र कल्याण निदेशक डॉ. ओमेंद्र सांगवान द्वारा काउंसलिंग एंड प्लेसमेंट सेल के माध्यम से समय-समय पर आयोजित सेमिनार, वर्कशॉप, काउंसलिंग, मोटिवेशनल सेशन, आदान-प्रदान प्रशिक्षण, प्री-डिनर टास्क इन हॉस्टल, प्री-प्लेसमेंट टास्क व पूर्व प्रतिभाशाली छात्रों के साथ विचार-विमर्श के माध्यम से उनका मार्गदर्शन किया गया। उन्होंने बताया कि इसके अलावा ऑनलाइन पढ़ाई व सीनियर साथियों के सहयोग व प्रेरणा ने भी इस दिशा में आगे बढऩे के लिए उत्साहित किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह की नई, सकारात्मक, ऊर्जावान व दूरदृष्टि सोच का ही परिणाम है कि एक साथ इतने विद्यार्थियों का देश के सबसे बड़े संस्थानों में चयन हुआ है।

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