हरियाणा हिसार

मौसम रहेगा 12 तक परिवर्तनशील, बीच-बीच में आंशिक बादल की संभावना

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में किसानों व जनता को दी सलाह

हिसार,
अरब सागर से नमी वाली मॉनसूनी हवायें आने की संभावना से प्रदेश में 12 जुलाई तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील व बीच-बीच में आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है। इसके अलावा 10 जुलाई तक के बीच-बीच में हरियाणा में तेज हवायों के साथ उतरी हरियाणा में कहीं-कहीं मध्यम से अच्छी बारिश परन्तु पश्चिमी व दक्षिण हरियाणामें हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। राज्य में इस दौरान तापमान सामान्य के आसपास ही बने रहने की संभावना है।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार फिलहाल प्रदेश में मॉनसून सक्रिय नहीं हो पाया है। कृषि मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार दक्षिण पश्चिमी मॉनसून अनुकूल परिस्थितियों के कारण आगे बढ़ता हुआ 4 जुलाई से हरियाणा राज्य में सक्रिय होने की संभावना थी, किंतु अरब सागर में एक सरकुलेशन सिस्टम बन गया जिससे नमी वाली हवायें गुजरात व राजस्थान से आगे नहीं। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी की तरफ से भी नमी वाली हवायें उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड तक ही बढ़ी हुई है जिससे राज्य में पिछले तीन दिनों में उतरी हरियाणा में मध्यम बारिश और पश्चिमी व दक्षिण हरियाणा में कुछ एक स्थानों पर हल्की बारिश दर्ज हुई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवायें वापिस हिमालय की तलहटियों की तरफ व पूर्वोत्तर की तरफ जाने की संभावना है, लेकिन अरब सागर में आने वाली नमी वाली हवाये राजस्थान से आगे बढऩे की अनुकूल परिस्थितियां बनने से राज्य में आज रात्रि से 10 जुलाई के बीच हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
धान की रोपाई जारी रखें किसान
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने किसानों से अपील की है कि वे मौसम वैज्ञानिकों की सलाह अनुसार अगले दो-तीन बारिश की संभावना को देखते हुए धान की रोपाई जारी रखें। इसके अलावा बाजरा,ग्वार आदि खरीफ फसलों के उत्तम किस्मों के बीजों का प्रबंध करें तथा उचित नमी होने के बाद बिजाई मौसम साफ होने पर ही करें। उन्होंने कहा कि किसान नरमा कपास में निराई-गुड़ाई कर नमी संचित करें। इसके अलावा प्रमाणित नर्सरी से उत्तम किस्मों के फलदार पौधों को लेकर खेतों में लगाना शुरू करें।
टिड्डी दल के प्रति रहें सजग
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने किसानों को सलाह दी कि वे टिड्डी दल के प्रति सजग रहें तथा अपने खेतों में लगातार इसकी निगरानी रखें। अगर खेत में कहीं भी टिड्डी दिखाई दे तो तुरंत इसकी जानकारी अपने नजदीक के कृषि अधिकारी व कृषि विज्ञान केंद्र/ विश्वविद्यालय के कीटविज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों को दें। उन्होंने किसानों को कोरोना से बचाव के लिए मुंह पर मास्क या अंगोछा लगाने, मंडी/ गांव व खेत में काम करते समय एक दूसरे के बीच व्यक्तिगत दूरी बनाने व हाथों को समय-समय पर साबुन या सेनेटाइजर से साफ करने की भी सलाह दी है।

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