हिसार

कोरोना टेस्ट में रसूखदार और गरीब में भेदभाव का आरोप

हिसार,
स्वास्थ्य विभाग में मेयर की रिपोर्ट्स सहित होम आइसोलेशन और होम क्वारेंटाइन का पोस्टर नहीं चस्पाने पर खींचतान जारी है। मलेरिया विभाग के बायोलॉजिस्ट डॉ. रमेश पूनिया ने एक बार फिर विभाग पर नियमों से खेलने का आरोप लगाया है। अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट लिखी है कि मुझे मीटिंग में बुलाकर आइडीएसपी इंचार्ज ने कहा कि लिखकर दें कि मेयर की रिपोर्ट निगेटिव है।

उनकी पॉजिटिव होने की खबरें गलत हैं। मैंने कहा कि मेरे पास उनकी पॉजिटिव रिपोर्ट है। मेयर के एक सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उसी रात को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में उनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। देर रात सीबीनेट टेस्ट हुआ, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इससे पहले भी एक रईसजादे का टेस्ट करवाकर 2 घंटे में रिपोर्ट देकर डिस्चार्ज कर दिया था। यह बहुत अच्छी बात है कि मेयर स्वस्थ हैं।

पर, यह सीबीनेट टेस्ट क्या रसूखदार और पहुंच वाले लोगाें के लिए रिजर्व है। विडंबना देखिए बीते दिनों आधार हॉस्पिटल में कैथल की एक औरत की मृत्यु हो गई थी। कई दिन तक उसका शव मोर्चरी में पड़ा रहा था, क्योंकि वह मजदूर की पत्नी थी। तब सीबीनेट टेस्ट नहीं करवाया था। यह टेस्ट क्या केवल वीआईपी और रईसजादों का ही होता है। मैं किसी गलत बात के आगे नहीं झुका ना ही आज झुकूंगा। लेकिन ऐसी परिस्थतियां देख कर दुख होता है।

मेयर कहता है कि घर के बाहर पोस्टर लगाओ लेकिन अधिकारी कह रहे हैं पोस्टर नहीं लगाना। वे अधिकारी कसूरवार हैं जो हमेशा निजी हित के लिए हदें पार करते हैं। मैं इंसाफ और सच्चाई के रास्ते पर आगे बढ़ता जाऊंगा।

मेयर की रिपोर्ट में कन्फ्यूजन था दो अलग-अलग रिपोर्ट थीं
आइडीएसपी इंचार्ज डा. जयश गयोल ने कहा कि किसी पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया गया है। मेयर की रिपोर्ट में कन्फ्यूजन था क्योंकि दो अलग-अलग रिपोर्ट थी। इसलिए सीबीनेट से कंफर्म किया था, जोकि निगेटिव थी। इसलिए लगाने का सवाल ही नहीं उठता है।” -डॉ. जया गोयल, ।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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