हिसार

भारत में बीमारियों संबंधी रिसर्च में ‘लोजिस्टिक रिगे्रशन’ विधि का बढ़ रहा प्रचलन : डॉ. परमिल कुमार

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में ‘कृषि आंकड़ों के विश्लेषण के लिए सांख्यिकीय उपकरण और तकनीक’ विषय पर चल रहे ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स में जम्मू विश्वविद्यालय जम्मू के डॉ. परमिल कुमार व डॉ. के.के. सक्सेना ने प्रतिभागियों को मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित किया। कार्यक्रम की निदेशक प्रोफेसर मंजू सिंह टांक ने बताया कि रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह के निर्देशानुसार किया जा रहा है। कुलपति के मार्गदर्शन में आयोजित इस तरह के ऑनलाइन रिफे्रशर कोर्स से प्रतिभागियों में रचनात्मकता व सृजनात्मकता बढ़ेगी और उन्हें सांख्यिकी की विभिन्न आधुनिक तकनीकों व सॉफ्टवेयर की जानकारी मिलेगी। रिफ्रेशर कोर्स के बाद प्रतिभागी शोध के आंकड़ों के विश्लेषण में निपुणता हासिल कर पाएंगे। मानव संसाधन प्रबंधन निदेशालय के निदेशक डॉ. एम.एस. सिद्धपुरिया ने प्रतिभागियों से इस रिफ्रेशर कोर्स का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया।
डॉ. परमिल कुमार ने कहा कि भारत में विभिन्न बिमारियों से संबंधित जो भी रिसर्च की जा रही हैं उनमें ‘लोजिस्टिक रिगेरशन’ विधि का प्रचलन बहुत अधिक बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि रिसर्च में इस विधि के प्रयोग से परिणाम बेहतर आते हैं और उसी आधार पर आंकड़ों का विश्लेषण में सही व सटीक हो पाता है। उन्होंने कहा कि इस विधि का प्रयोग करने के बाद जो रिसर्च की जाती है, उसके बेहतर परिणाम आते हैं। उसी आधार पर शोधार्थी अपने शोध पत्र को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शोध पत्रों में प्रकाशित करवा सकते हैं। रिफ्रेशर कोर्स के दूसरे मुख्य वक्ता चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त डॉ. के.के. सक्सेना ने इक्नोमेट्रिक्स की आधारभूत तकनीकों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सामाजिक विज्ञान के विभिन्न विज्ञानों जैसे अर्थशास्त्र, अर्थ प्रबंधन इत्यादि में इन तकनीकों का प्रयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन तकनीकों का प्रयोग विशेष परिस्थितियों में ही किया जाता है, जिनके परिणाम सटीक होते हैं।
एक साथ 160 प्रतिभागी ले रहे हैं हिस्सा
कार्यक्रम की निदेशक प्रोफेसर मंजू सिंह टांक ने बताया कि गणित और सांख्यिकी विभाग के सहयोग से मानव संसाधन प्रबंधन निदेशालय द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन रिफे्रशर कोर्स में एक साथ 160 वैज्ञानिक, शिक्षक और विस्तार विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। रिफे्रशर कोर्स में सौ प्रतिभागी गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से हैं जबकि शेष प्रतिभागी विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान व अनुसंधान केंद्रों बावल, भिवानी और महेंद्रगढ़ से हैं। उन्होंने बताया कि इस रिफे्रशर कोर्स में प्रतिभागियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से ‘कृषि आंकड़ों के विश्लेषण के लिए सांख्यिकीय उपकरण और तकनीक’ विषय से संबंधित सात मोड्यूल की जानकारी दी जा रही है। इन मोड्यूल में परिचयात्मक और बुनियादी आंकड़े, बुनियादी सांख्यिकी तकनीक, अग्रिम सांख्यिकीय मॉडलिंग, सांख्यिकीय पैकेज, डिजाइन ऑफ एक्सपरिमेंट्स, सांख्यिकीय जेनेटिक्स व अनुकूलन तकनीक शामिल हैं। मानव संसाधन प्रबंधन निदेशालय की संयुक्त निदेशक व कार्यक्रम की संयोजक डॉ. मंजू मेहता व डॉ. विनय कुमार ने बताया कि इस कोर्स में देश के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ ऑनलाइन रिफे्रशर कोर्स से जुडे प्रतिभागियों को व्याख्यान दे रहे हैं और उन्हें ‘कृषि आंकड़ों के विश्लेषण के लिए सांख्यिकीय उपकरण और तकनीक’ विषय से संबन्धित विभिन्न प्रकार के मोड्यूलस से अवगत करवा रहे हैं।

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