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साइंस बेस्डग टारगेट्स इनिशिएटिव (एसबीटीआई) पर हस्ताक्षर करने वाला पहला भारतीय बंदरगाह बना एपीएसईजेड

अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) साइंस बेस्ड टारगेट्स इनिशिएटिव (एसबीटीआई) शुरू करने वाली कुछ भारतीय कंपनियों में से एक है।

एपीएसईजेड, एसबीटीआई के लिए प्रतिबद्धता पत्र पर हस्ताक्षर करने वाला देश का एकमात्र पोर्ट और दुनिया का 7वां पोर्ट है

एपीएसईजेडने प्रतिबद्धता पर हस्ताक्षर, जलवायु संबंधित फाइनेंशियल डिस्ककलोजर (टीसीएफडी) पर काम करने वाले टास्क् फोर्स के समर्थक के रूप में किया है।

अहमदाबाद,
‘पेरिस जलवायु समझौते’ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए, एपीएसईजेड ने साइंस बेस्डत टारगेट्स इनिशिएटिव (एसबीटीआई) के लिए हस्ताक्षर किया है। एसबीटीआई के जरिये, कंपनियां अपने संपूर्ण वैल्यूए चेन में विज्ञान आधारित (साइंस बेस्डा) उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य निर्धारित करने के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर कर रही हैं। ये लक्ष्यह पूर्व-औद्योगिक स्तरों से ऊपर 1.5 डिग्री सेल्सियस ग्लोबल वार्मिंग को बनाए रखने के अनुरूप हैं। प्रतिबद्ध कंपनियों के पास एसबीटीआई द्वारा अनुमोदित और प्रकाशित अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 24 महीने का समय है।
साइंस बेस्ड टारगेट्स इनिशिएटिव (एसबीटीआई)सीडीपी, यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल कॉम्पैक्ट, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्लूइआरआई) और वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्लूसडब्लूकएफ) के बीच एक सहयोग आधारित कारवाईहै। एसबीटीआई, साइंस बेस्डा टारगेट्स इनिशिएटिव में सर्वोत्तम प्रथाओं को परिभाषित और बढ़ावा देता है और कंपनियों के लक्ष्यों का स्वतंत्र रूप से आकलन करता है। 800 से अधिक कंपनियों ने विज्ञान आधारित उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य निर्धारित किये हैं।
एपीएसईजेड ने प्रतिबद्धता पर हस्ताक्षर जलवायु संबंधित फाइनेंशियल डिसक्लोैजर(टीसीएफडी) पर काम करने वाले टास्कफोर्स के एक समर्थक के रूप में किया है। टीसीडीएफ निवेशकों, कर्जदाताओं, बीमाकर्ताओं और अन्य हितधारकों को जानकारी प्रदान करने में कंपनियों द्वारा उपयोग करने के लिए स्वैच्छिक, सिलसिलेवार जलवायु संबंधी वित्तीय जोखिम के डिसक्लोटजरको विकसित करता है। कुल 16 भारतीय कंपनियां टीसीएफडी का समर्थन कर रही हैं, जिनमें से दो अदाणीग्रुप की सहायक कंपनियां हैं।
एपीएसईजेडके सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक श्री करण अदाणी ने बताया कि एक ग्रुप के रूप में हम अपनी प्रक्रियाओं और संचालन में स्थायी भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो निरंतर हस्तक्षेप द्वारा संचालित हो। एपीएसईजेडएसबीटीआई और टीसीडीएफ के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि कार्बन न्यूट्रल बनने के लक्ष्य की दिशा में निर्धारित लक्ष्यों के साथ उत्सर्जन में कमी हासिल करना सुनिश्चि त किया जा सके। यह भारत के सीओपी21 लक्ष्यों और वैश्विक जलवायु लक्ष्यों में योगदान करने की घोषित प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने वाला अदाणी ग्रुप का एक और महत्वपूर्ण कदम है।
एसबीटीआई के साझेदारों में से एक,यूएन ग्लोबल कॉम्पेक्ट के सीईओ और कार्यकारी निदेशक, लिसेकिंगो ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्थाओं को मौलिक रूप से बदलने के लिए हमारे पास 10 साल से भी कम समय है, अन्य‘था हमें भयावह नतीजे भुगतने होंगे। पहली बार, हम बिजनेस और जलवायु के अग्रणी लीडरों को एक समान कॉल-टू-एक्शन के लिए एक साथ देख रहे हैं, जो एक मजबूत संकेत है कि विज्ञान-आधारित लक्ष्य-निर्धारण व्यवसायों हेतु जलवायु परिवर्तन से निपटनेऔर ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए कदम उठाने का एक महत्वपूर्ण अवसर पेश कर रहा है।
एसबीटीआई भागीदारों में से एक, सीडीपी के सीईओ पॉल सिम्पसन ने कहा कि कि बात बिल्कुाल स्पष्ट है: जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों को सीमित करने के लिए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वार्मिंग 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक न हो। यह महत्वाकांक्षा अधिक तो है, लेकिन यह प्राप्त की जा सकती है-और इसे प्राप्तस करने के लिए विज्ञान-आधारित लक्ष्य कंपनियों को एक रोडमैप देते हैं। दुनिया भर में कॉरपोरेशनों के पास नेट-जीरो अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ट्रांजिशन में आगे रहने का एक अभूतपूर्व अवसर है और अब गंवाने के लिए समय नहीं है।
एपीएसईजेड उन 43 भारतीय कंपनियों में से एक है, जिन्होंने एसबीटीआई के लिए प्रतिबद्धता पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। कुल 909 कंपनियां विज्ञान आधारित जलवायु कार्रवाई कर रही हैं और 392 कंपनियों ने एसबीटीआई के जरिये विज्ञान आधारित लक्ष्यों को मंजूरी दी है। अदाणी ग्रुप ने 2025 तक दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा कंपनी और 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय बिजली कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए 2025 तक 25 गीगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित उत्पादन क्षमता प्राप्त करनी होगी और जिसके लिए अगले 5 वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कुल निवेश 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होगा।
साइंस बेस्डन टारगेट्स इनिशिएटिव (एसबीटीआई) के बारे में
साइंस बेस्डन टारगेट्स इनिशिएटिव (एसबीटीआई) सीडीपी, यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल कॉम्पैक्ट, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्लूटआरआई) और वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्लूलडब्लूनएफ) के बीच एक सहयोग आधारित कारवाई हैऔर वी मीन बिजनेस कोआलिशन की प्रतिबद्धताओंमें से एक है। यह इनिशिएटिव कम कार्बन अर्थव्यवस्था बनाते हुए, कंपनियों के प्रतिस्पर्धात्मक लाभ को बढ़ाने के एक शक्तिशाली तरीके के रूप में विज्ञान-आधारित लक्ष्य निर्धारण का समथ्रन करती है। विज्ञान आधारित लक्ष्य (साइंस बेस्डा टारगेट्स) ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य हैं जो पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक डिकार्बोनाइजेशन स्तर के अनुरूप हैं, ताकि पेरिस समझौते के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे सीमित करने और वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए प्रयास किया जा सके।
जलवायु-संबंधी फाइनेंशियल डिसक्लोगजर(टीसीएफडी) के लिए बने टास्क फोर्स के बारे में
जलवायु संबंधित फाइनेंशियल डिस्क्लोमजर (टीसीएफडी) के लिए बना एफएसबी टास्क फोर्स निवेशकों, कर्जदाताओं, बीमाकर्ताओं और अन्य हितधारकों को जानकारी प्रदान करने में कंपनियों द्वारा उपयोग करने के लिए स्वैच्छिक, सिलसिलेवार जलवायु-संबंधी वित्तीय जोखिम संबंधी डिसक्लोउजर का विकास करेगा। टास्क फोर्स जलवायु परिवर्तन से जुड़े भौतिक, देयता और संक्रमण के जोखिमों पर विचार करेगी और सारे उद्योगों में प्रभावी फाइनेंशियल डिसक्लोबजर के लिए जो जरूरी है, उसका भी विकास करेगा। टास्क फोर्स का कार्य और सिफारिशें कंपनियों को यह समझने में मदद करेंगी कि जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को मापने और जवाब देने के लिए वित्तीय बाजार डिसक्लो जर से क्या चाहते हैं, और कंपनियों को निवेशकों की जरूरतों के अनुसार अपने डिसक्लोदजर को रखने के लिए भी टास्कै फोर्स प्रोत्साहित करेगा।
अदाणी पोर्ट्स और विशेष आर्थिक क्षेत्र (स्पेकशल इकोनॉमिक जोन) के बारे में
विश्व स्तर पर फैले और विविध तरह के कार्यों में शामिल, अदाणी ग्रुप का एक हिस्सा, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईजेड) है,जो भारत की सबसे बड़ी एकीकृत लॉजिस्टिक्स कंपनी है। दो दशकों से भी कम समय में, कंपनी ने पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स सेवाओं में शानदार उपस्थिति दर्ज की है। तटीय क्षेत्रों और विशाल भीतरी इलाकों से कारगो की विशाल मात्रा की हैंडलिंग करते हुए, रणनितिक रूप से मौजूद एपीएसईजेड के 11 बंदरगाह और टर्मिनल- गुजरात में मुंद्रा, दाहेज, कांडला और हजीरा, ओडिशा में धामरा, गोवा में मारमुगाओ, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम, और चेन्नई में कट्टुपल्ली और एन्नोर – देश की कुल बंदरगाह क्षमता के 24% प्रतिनिधित्व करते हैं। कंपनी केरल के विजिंजम में एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट और म्यांमार में एक कंटेनर टर्मिनल भी विकसित कर रही है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk