हिसार,
हरियाणा रोडवेज विभाग में विभिन्न पदों के काफी संख्या में रिक्त होने के बावजूद पदोन्नति के मामले लंबे समय से लटके हुए हैं, जिसके कारण रोडवेज विभाग की यूनियनें आंदोलन के माध्यम से मामले निपटाने में लगी हैं। इसके चलते हरियाणा रोडवेज के महानिदेशक द्वारा गत दिवस जारी किए गए आदेशों के तहत वर्ष भर से लटक रहे केस का निपटारा करते हुए 486 सब निरीक्षक पद से निरीक्षक पद पर पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए गए लेकिन हैरानीजनक बात है कि पदोन्नत किए गए निरीक्षकों के ड्यूटी स्थल/डिपू निर्धारित नहीं किए गए हैं।
अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय चेयरमैन एमएल सहगल एवं हरियाणा कर्मचारी महासंघ के पूर्व राज्य महासचिव एवं रोडवेज कर्मचारी यूनियन के राज्य प्रधान बलदेव सिंह घनघस ने एक संयुक्त बयान में कहा कि 1966 में हरियाणा रोडवेज की स्थापना के बाद ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि पदोन्नति के आदेश तो जारी कर दिए गए, लेकिन ड्यूटी ज्वाइनिंग किस डिपू में करनी है, उसको लेकर कोई विवरण आदेशों में नहीं हुआ है। उन्होंने हरियाणा रोडवेज महानिदेशक द्वारा कर्मचारियों की मांगों के निपटारे को लेकर अपनाई जा रही नीतियों की कड़ी भत्र्सना करते हुए कहा कि 8 माह पूर्व परिचालक से सब निरीक्षक पदों पर पदोन्नति करते समय कैंसर व दिल की बीमारी से प्रभावित कर्मचारियों को रिक्त पदों के होते हुए भी कार्यस्थल के डिपू से बाहर दूर के डिपूओं के आदेश जारी कर दिए गए और प्रभावित मामलों का आज तक निपटारा नहीं किया गया है।
राष्ट्रीय चेयरमैन एमएल सहगल ने बताया कि रोडवेज विभाग में चालक पद से यार्ड मास्टर पद पद पदोन्नति, वर्कशॉप स्टाफ में हैड कारपेंटर, हैड इलैक्ट्रीशियन, हैड फिटर आदि पदों के बहु संख्या में रिक्त होने के बावजूद पदोन्नति नहीं की जा रही है। इसी प्रकार जूनियर ऑडिटर, सहायक, स्टेटिकल सहायक, एसपीओ आदि पदों पर भी लंबे से पदोन्नतियों को लटकाया जा रहा है, जबकि रोडवेज के मुख्यालय में सभी पदों की भरपाई तुरंत कर दी जाती है।