हिसार

किसान सभा ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा

ज्ञापन में उठाई अनेक मांगें, शीघ्र पूरी करने की मांग

हिसार,
अखिल भारतीय किसान सभा की बालसमंद तहसील कमेटी के तत्वाधान में किसानों की मांगों को लेकर कमेटी प्रधान कृष्ण गावड़ की अध्यक्षता में किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने तहसीलदार के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। प्रतिनिधिमंडल में रघुवीर गावड़, बलराज बिजला, जयलाल भारीवासिया गोरछी, रामकुमार बुड़ाक, सुनील बिश्रोई गावड़, सुशील, रतन आदि शामिल रहे।
तहसील प्रधान कृष्ण गावड़ ने बताया कि वर्तमान दौर में खेती पर संकट बहुत ज्यादा बढ़ गया है। कोरोना महामारी के चलते किसानों की समस्याएं और अधिक बढ़ी हैं। सरकार द्वारा डीजल तेल, बीज, खाद, कृषि मशीनरी व औजारों की कीमतें बढऩे से खेती-बाड़ी पर लागत बढ़ गई है। दूसरी तरफ फसलों के भाव पूरे नहीं मिल रहे हैं और इससे किसानों पर कर्ज बेहिसाब हो गया है। कोरोना महामारी के इस मुश्किल समय में किसानों की समस्याएं केंद्र व राज्य सरकारें सुन भी नहीं रही हैं। इसके अलावा सरकार कई किसान विरोधी अध्यादेश ले आई है। ऐसे हालात में किसानों को आन्दोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार किसान हितैषी कदम उठाए और किसान विरोधी फैसले रद्द करें।
किसानों की मुख्य मांगों में पिछली रबी फसलों का कर्ज तुरन्त माफ किया जाए और किसानों की सम्पूर्ण कर्जामुक्ति की ठोस नीति लागू की जाए। स्वामीनाथन किसान आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं। सभी फसलों, दूध, सब्जियों व अन्य किसानों के अन्य उत्पादों के भाव पूरी लागत से डेढ़ गुणा ज्यादा दिये जाएं। पूरे भाव पर फसल की खरीद सुनिश्चित की जाए। किसान विरोधी अध्यादेश (जिनमें फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य हटाने, मण्डियों की बजाये ओपन मार्केट करने तथा कार्पोरेट खेती आदि बातें कही गई हैं) वापिस लिए जाएं। डीजल तेल के दाम अन्तरर्राष्ट्रीय मार्केट के अनुसार आधे किये जाएं। बिजली के बिल पिछले छह महीने के माफ करके बकाया घरेलू व ट्यूबवेल कनेक्शन तुरन्त दिऐ जाएं। बिजली अध्यादेश 2020 वापिस लो। पिछले वर्ष की फसलों, सब्जियों, पोल्ट्री आदि में प्राकृतिक आपदाओं ओलावृष्टि, जलभराव, सूखा, टिड्डी दल आदि व करोना महामारी के चलते हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाए। मनरेगा के तहत कम से कम 200 दिन का काम न्यूनतम वेतन अनुसार सभी गरीब किसानों, खेत मजदूरों तथा अन्य मजदूरों को दिया जाए। करोना महामारी के पूरे दौर में सरकार हर व्यक्ति को राशन दे। खेती-बाड़ी की जमीनें कम्पनियों को न दी जाएं, फसलों की सिंचाई के लिए पूरा नहरी पानी व बिजली सप्लाई दी जाए।

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