हिसार

बेटी के जन्मदिन पर रक्तदान करके पेश किया समाजसेवा का उदाहरण

मित्र डा. बलकार व उनकी पत्नी अमरजीत कौर से मिली विकास मलिक को प्रेरणा

हिसार,
हर इंसान सोचता है कि वो समाज के कल्याण के कुछ योगदान दे, कुछ योगदान अमीरी—गरीबी के बिना भी किये जा सकते है। जो समाज की भलाई व हर किसी को जरूरत के समय काम आ सके, उससे अच्छा पुण्य व समाज कल्याण का काम नही हो सकता।
इसी सोच को चरितार्थ करते हुए अंग्रेजी विषय के प्रवक्ता विकास मलिक ने अपनी बेटी सृष्टि के पांचवे जन्मदिन पर हिसार के सरकारी हस्पताल के ब्लड बैंक में नौंवी बार रक्तदान किया है। विकास मलिक का मानना है कि भलाई का कार्य ऐसे करे ताकि उसका लाभ समाज के हर वर्ग को निश्वार्थ भाव से हो। विकास मलिक ने बताया कि रक्त सिर्फ मानव के दान करने से ही इसकी पूर्ति की जा सकती है, अभी तक इसका कोई विकल्प नही बना है।
विकास मलिक ने बताया की देश मे प्रतिवर्ष लगभग 80 लाख यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है परंतु केवल 50 लाख यूनिट रक्त ही मिल पाता है, हरियाणा की बात करें तो हर साल लगभग 2 लाख यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है और यह मांग प्रतिवर्ष बढ़ती रहती है। तकरीबन 50 हज़ार यूनिट रक्त काम रह जाता है। भारत में 3 सेकेंड में किसी न किसी को रक्त की आवश्यकता होती है और हर दिन दुनिया में चालीस हजार यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है। विकास मलिक को रक्तदान की प्रेरणा अपने मित्र डॉ. बलकार सिंह पूनिया व उनकी पत्नी अमरजीत कौर से मिली, उक्त दंपति अपने बच्चों के जन्मदिन पर 17 बार रक्तदान कर चुके है। उन्होंने विशेष अवसरों पर रक्तदान एक अभियान चलाया हुआ है।

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