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पूर्व राष्ट्रपति कलाम नासा में लौटे कलामी बनकर

लॉस एंजेलिस
दुनियां में मरा हुआ इंसान कभी वापिस नहीं लौटता। लेकिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति लौट आए है। अब वे कलाम नहीं कलामी बनकर लौटे है। दरअसल, नासा के वैज्ञानिकों ने उनके द्वारा खोजे गए एक नए जीव को भारत के पूर्व राष्ट्रपति और अंतरिक्ष वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम का नाम दिया है। अभी तक यह नया जीव (जीवाणु की एक किस्म) सिर्फ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में ही मिलता था। यह पृथ्वी पर नहीं पाया जाता था।
नासा की प्रयोगशाला ने अंतरग्रही यात्रा पर काम करते हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के फिल्टरों में इस नए जीवाणु को खोजा और भारत के पूर्व राष्ट्रपति कलाम के सम्मान में इसे सोलीबैकिलस कलामी नाम दिया। 1963 में कलाम ने शुरुआती ट्रेनिंग नासा में ली थी। इसके बाद उन्होंने केरल के थुंबा में मछुआरों के गांव में भारत का पहला रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र स्थापित किया था।
जेपीएल में जैव प्रौद्योगिकी एवं ग्रह सुरक्षा समूह के वरिष्ठ अनुसंधान वैज्ञानिक डॉक्टर कस्तूरी वैंकटस्वर्ण ने बताया, ‘बैक्टीरिया का नाम सोलीबैकिलस कलामी है। इस प्रजाति का नाम डॉक्टर अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है और इसके जीन का नाम सोलीबैकिलस है।’ यह बैक्टीरिया एक ऐसे फिल्टर पर पाया गया है, जो ISS में 40 महीने तक रहा था। यह फिल्टर ISS की स्वच्छता प्रणाली का हिस्सा है। इस फिल्टर का JPL में विश्लेषण किया गया और इसी साल वेंकटस्वर्ण ने एक इंटरनैशनल जर्नल में इस खोज को प्रकाशित किया।

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