उत्तर प्रदेश

बस अगवा मामला : ARTO दफ्तर का दलाल प्रदीप गुप्ता की हुई पहचान—दलाली करके करोड़पति बने प्रदीप की जानें कहानी

आगरा,
आगरा में बस अगवा करने के आरोपी प्रदीप गुप्ता को पकड़ने के लिए पुलिस की करीब आधा दर्जन टीम लगी हुई हैं। पुलिस का कहना है कि प्राथमिक दृष्टि में लेन-देन के मामले में ही 34 यात्रियों से भरी बस को अगवा किया गया लग रहा है। अगवा की गई बस का रजिस्ट्रेशन नम्बर (UP75 M 3516) इटावा का है और ये दीपा अरोड़ा के नाम पर है। ये बस ग्वालियर के अशोक अरोड़ा की है जिनका ट्रांसपोर्ट का बड़ा काम है। अशोक अरोड़ा की कल मौत हो गई है। सीसीटीवी में पुलिस को जो शख्स दिखा उसकी फोटो अशोक के बेटे पवन को दिखाई गई। पवन ने बताया कि बस अगवा करने वाला प्रदीप गुप्ता है।

कोरोना का लिंक
जानकारी के मुताबिक बस मालिक अशोक अरोड़ा और प्रदीप गुप्ता के बीच पैसों का लेनदेन था। बीते 1 सप्ताह से प्रदीप गुप्ता अपनी रकम लेने के लिए अशोक अरोड़ा पर दबाव बना रहा था। इसके बाद जब प्रदीप गुप्ता को बस मालिक अशोक अरोड़ा के कोविड-पॉजिटिव होने का पता चला तो उसे अपनी रकम डूबती नज़र आई। जिसके बाद उसने रकम वसूली के लिए आगरा से बस को हाईजैकर कर लिया।

प्रदीप गुप्ता बना फाइनेंसा कंपनी का कर्मचारी
बस हाईजैक के मामले में फिरोजाबाद के व्यापारी प्रदीप गुप्ता का नाम सामने आया है। जानकारी के मुताबिक दो एसयूवी गाड़ी से पहुंचे प्रदीप गुप्ता ने ही खुद को श्रीराम फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताया था। जिसके बाद प्रदीप गुप्ता यात्रियों को उतारकर बस इटावा की तरफ ले गया। अब इस मामले में पुलिस को प्रदीप गुप्ता की तलाश है।

कौन है प्रदीप गुप्ता
प्रदीप गुप्ता इटावा के ARTO दफ्तर में दलाली का काम करता है। 2018 में इसे गिरफ्तार किया गया था तब तक प्रदीप इटावा के ARTO आफिस में एक क्लर्क की कुर्सी पर ही बैठता था, प्रदीप की बहुत ऊपर तक पहुंच है। प्रदीप कई वाहनों के नकली कागजात भी तैयार करता था।

लाखों रुपए और सोना—चांदी हुए थे बरामद
2018 में इटावा में पुलिस ने दो ARTO और प्रदीप को गिरफ्तार किया था और 28 लाख 63 हजार रुपए, दो किलो सोना, दस किलो चांदी बरामद की थी। प्रदीप के घर से ARTO दफ्तर की 45 मोहर, पांच बोरो में ARTO दफ्तर की फाइल और रजिस्टर बरामद किए गए थे। प्रदीप करीब एक साल से जेल के बाहर है और फिर ARTO दफ्तर में दलाली का काम करता है।

100 से ज्यादा बसों का मालिक
लोगों का कहना है कि प्रदीप की देशभर में कई सौ बसें चलती हैं, कई बस को वो फाइनेंस भी करता था। अब पुलिस इस मामले में जांच पड़ताल कर रही है कि कहीं अगवा की गई बस प्रदीप ने फाइनेंस तो नहीं की थी या दीपा अरोड़ा के नाम से तो नहीं खरीदा था। अशोक अरोड़ा की कल (18 अगस्त) को मौत हुई है इसलिये पुलिस उनके परिवार से बहुत ज्यादा पूछताछ नहीं कर पा रही है। अशोक अरोड़ा के बेटे पवन ने प्रदीप को पहचान है इसलिये पुलिस को लेनदेन के विवाद का शक हुआ है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk