हांसी,
कोरोना महामारी को अवसर मानकर केंद्र सरकार मजदूरों व किसानों के कानून को खत्म कर रही है। सरकार की ऐसी नीतियों का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
यह बात भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी के वरिष्ठ नेता कामरेड सुखबीर सिंह ने हांसी में विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कही। केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर हो रहे विरोध प्रदर्शन का संचालन लोकल कमेटी के सचिव व किसान नेता धर्मवीर कंवारी ने किया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया महामारी की चपेट में है, ऐसे में लोगों को अधिकतम राहत देश व प्रदेश की सरकार की ओर से दी जानी चाहिए जबकि हो इसके विपरीत रहा है। केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान भी पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोतरी की गई। इस आपदा को अवसर के रूप में इस्तेमाल करते हुए आजादी के आंदोलन व उसके बाद बने हुए मजदूरों के कानूनों को केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा खत्म करने के प्रयास किए गए। अभी हाल में ही खेती के संबंध में तीन अध्यादेश लाकर पूरे के पूरे कृषि के ढांचे को बड़ी कंपनियों के हवाले करने की साजिश रची गई है। इन सबके खिलाफ तथा प्रति परिवार 7500 रुपए मासिक राहत दिलवाने, मनरेगा में 200 दिन काम, खेती से जुड़े हुए तीनों अध्यादेश रद्द करवाने, मजदूर अधिकार बहाल हो, सबके लिए स्वास्थ्य का प्रबंध हो आदि मुद्दों को लेकर पूरे देश में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी द्वारा विरोध सप्ताह मनाया जा रहा है। उसी के तहत आज यहां हांसी में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन को पार्टी नेता विनोद सुलचानी, कर्म सिंह कंवारी, राम सुलचानी, आशा खन्ना, रामनिवास पाली, सतबीर पेटवाड़, रिटायर्ड कर्मचारियों के नेता के.एल. ग्रोवर ने संबोधित किया।