हिसार

शिक्षा मंत्री ने की अश्व प्रजनन स्टड में पौधारोपण अभियान की शुरुआत

हिसार,
हरियाणा के शिक्षा, पर्यटन व वन मंत्री कंवर पाल गुर्जर रविवार को भारतीय सेना के अधीन हिसार में कार्यरत्त इकाई अश्व प्रजजन स्टड में पहुंचे। यहां मंत्री ने मुख्य अतिथि के तौर पर पौधा लगाकर इस अश्व प्रजजन स्टड में हजारों पौधों के पौधारोपण अभियान की शुरुआत की। यहां पहुंचने पर स्टड के कमांडेंट ब्रिगेडियर देवेन्द्र कुमार ने उनका स्वगात किया। उनके साथ वन विभाग की निदेशक व प्रधान मुख्य वन संरक्षक डा. अमरिन्द्र कौर भी पहुंची थी।
कंवर पाल गुर्जर, शिक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा कि यहां पहुंचकर उन्हें बहुत खुशी हुयी। पूरे देश में सेना के घोड़ों की सप्लाई यहीं से की जाती है। महामहीम राष्ट्रपति की बग्घी में चलने वाले घोड़े भी यहां से जाते हैं। यहां बहुत अच्छी नस्लों के घोड़े तैयार किये जाते हैं। उन्होंने पर्यावरण के बारे में कहा कि हरियाणा में हरित क्षेत्र को 7 से 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है और इसके लिए वह सब से सहयोग की अपेक्षा करते हैं। अश्व प्रजजन स्टड में पहले 1000 पौधे लगाने का लक्ष्य था लेकिन यहां के ब्रिगेडियर देवेन्द्र कुमार ने इस अभियान का अहम हिस्सा बनते हुए यहां 10 हजार पौधे लगाने का निर्णय लिया है जो काफी सराहनीय है। यहां का सिस्टम देखकर ये कहा जा सकता है कि एक भी पौधा खराब नहीं होगा और सभी पेड़ बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को एक पौधा लगाना चाहिए तथा स्वयं उसकी देखभाल करनी चाहिए क्योंकि यह पौधे पेड़ बनकर पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में अहम भूमिका अदा करते हैं।
अश्व प्रजनन स्टड के कमांडेंट ब्रिगेडियर देवेन्द्र कुमार ने बताया कि ये इकाई सेना की जरूरतों को पूरा करने के मकसद से घोड़ों के बच्चों की पैदावार व पालन पोषण करती है। लगभग 1700 घोड़ों का प्रजनन व देखरेख के लिए हरा व सूखा चारा भी इसी इकाई में पैदा किया जाता है। इसके लिए लगभग 1800 एकड़ जमीन में खेती की जाती है। इस संस्थान में ‘ग्रीन कैंपस, कलीन कैंपसÓ के सकंल्प पर काम करते हुए, पर्यावरण सरंक्षण व स्वच्छता अभियान को बहुत महत्व दिया गया है। यहां का वातावरण हिसार शहर से बिलकुल विपरीत व हराभरा है। ईबीएस का पूरा कंैपस पेड़, पौधों से घना व हराभरा बना हुआ है। यहां के हरी घास पर चरते हुऐ मदमस्त अश्व घास खाते हुऐ दृश्य देखने को बनता है। ऐसा दृश्य कहीं और मिलना दुर्लभ है। उच्च नस्ल के देशी विदेशी घोड़े यहां के कैंपस में चारो तरफ दिन भर घूमते हैं। इनके प्रजनन की सभी आधुनिक तकनीक यहा अपनाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे वातावरण में पलने की वजह से यहां के घोड़े बहुत कम बीमार होते हैं तथा यहा श्रेष्ट नस्ल के घोड़ेे तैयार होते हैं।
उन्होंने बताया कि रविवार को हुए पौधारोपण कार्यक्रम अभियान के तहत अश्व प्रजनन स्टड में 10000 हजार से अधिक औषधीय, फलदार, पर्यावरणीय, छायादार व औद्योगिक व प्रकाष्ठ की दृष्टि से महत्वपूर्ण पौधे लगाए गये हैं। इनमें 2000 पौधे जमोवा, 2000 पौधे नीम, 2000 पौधे बेलपत्थर, 2000 पौधे जामुन, 500 पौधे अमरूद, 2000 पौधे अर्जुन, 500 पौधे आंवला, 500 पौधे कदम, 500 पौधे गुलमोहर, 1000 पौधे सवानजना व 2000 पौधे इमली के व कुछ अन्य पौधे वाटिका वृक्षारोपण विधि से लगाये गये हैं।
वन विभाग की निदेशक व प्रधान मुख्य वन संरक्षक डा. अमरिन्द्र कौर ने इस मौके पर कहा कि इस वर्ष हरियाणा सरकार द्वारा गांव को आधार बनाकर गांव को हरभरा करके उसका विकास करवाया जायेगा। वन विभाग को राज्य के 1100 गांवों को हराभरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उसमें विभाग के पास 22 जिलों में से प्रत्येक जिले में 50 के करीब गांव आयेंगे। ये पूरे हरियाणा को एक हरियाली की ओढऩी पहनाने का अभियान है। इसमें पंचायती भूमि, श्मशान घाट, गांव में सरकारी या निजी स्कूल की जमीन या फिर किसानों की भूमि पर भी पौधारोपण करके इस अभियान को आगे बढ़ाया जायेगा। इसी के तहत हिसार के अश्व प्रजनन स्टड में हजारों पौधे लगाये गये हैं। इनमें औषधीय पौधे प्रमुख रूप से शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही यहां एक हर्बल गार्डन का भी निर्माण किया जायेगा।
वन विभाग की निदेशक डा. कौर ने बताया कि कोविड 19 के दौर में हर किसी को ये पता लग गया है कि मनुष्य कुदरत से अलग होकर नहीं जी सकता है। प्राकृति को गले लगाकर ही तंदरुस्त रहा जा सकता है। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी की महिला नेता सोनाली फोगाट, पालाराम गुर्जर, जिला वन अधिकारी, अश्व प्रजजन स्टड के अधिकारी, जवान व सिविल कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

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