हिसार

निर्माण मजदूरों ने प्रदर्शन करके केन्द्र व प्रदेश सरकार को कोसा

भाजपा सरकार पर निजीकरण को बढ़ावा देने व ट्रेड यूनियन अधिकार खत्म करने का आरोप

हिसार,
सीटू से संबंधित भवन निर्माण कामगार यूनियन की राज्य कमेटी के आह्वान पर निर्माण मजदूरों ने अपनी मांगों को लेेकर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। तय कार्यक्रम के तहत विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले निर्माण मजदूर सुबह से ही यहां के क्रांतिमान पार्क में एकत्रित होने शुरू हो गए। यहां से नारे लगाते हुए सभी निर्माण मजदूर प्रदर्शन के रूप में लघु सचिवालय पहुंचे जहां धरना देकर रोष जताया और अधिकारियों को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भवन निर्माण कामगार यूनियन के राज्य अध्यक्ष कामरेड देशराज ने कहा इस कोरोना की आड़ में किसान विरोधी, मजदूर विरोधी, व्यापारी विरोधी ऐसे काले कानून पास करवा कर जनता के बड़े तबके को गुलामी की तरफ धकेला जा रहा है। आम जनता द्वारा भारी भरकम टैक्स के माध्यम से बने सार्वजनिक (सरकारी) महकमों को पिछले 6 साल से एक-एक करके केंद्र में बैठी भाजपा सरकार निजी हाथों में कौड़ियों के भाव बड़े—बड़े पूंजीपति घरानों को सौंप रही है। हालांकि 1990 से लेकर 2014 तक भी जो सरकारें रही है उन्होंने भी बार-बार सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने का प्रयास किया, लेकिन आम जनता के विरोध के कारण वो इस काम को नहीं कर पाई। जब से केन्द्र में मोदी सरकार बनी है तब से एकतरफा सार्वजनिक क्षेत्र को तहस-नहस करने की प्रक्रिया जारी है। हर साल लाखों करोड़ रुपये सरकार को मुनाफा देने वाली बीएसएनएल, एलआईसी, बीमा, रेलवे, हवाई जहाज, बंदरगाह, डाकखाना, भारत पेट्रोलियम को लगभग बड़े पूंजीपतियों के हवाले कर दिया गया है, जिससे करोड़ों मजदूर व कर्मचारी रोजगार से बाहर कर दिए गये है।
प्रदर्शन को भवन निर्माण कामगार यूनियन के राज्य महासचिव ने कहा कि देश में निर्माण मजदूरों के लंबे संघर्ष के दबाव में 1996 में कल्याण कानून बनाना पड़ा था, हरियाणा में उसको लागू करवाने को लेकर लंबा संर्घष चलाया गया जिसके चलते ही आज 2007 से निरंतर निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड अस्तित्व में है। प्रदेश की सरकार इस कानून को खत्म करने पर उतारू है। केंद्र सरकार 44 श्रम कानूनों को खत्म करके 4 कोड लाने जा रही है जिसमें से वेतन संबंधी कोड तो पास भी किया जा चुुका है। यह सीधे तौर पर मजदूरों को देश के बड़े पूंजीपतियों का गुलाम बनाने की साजिश के अलावा कुछ नहीं है। निर्माण मजदूरों के कल्याण बोर्ड को खत्म करके सामाजिक सुरक्षा कोड बनाने की तैयारी की जा रही है जिसके पीछे असली निशाना 16 अलग-अलग बोर्ड में जमा 12 लाख करोड रुपए अकेले निर्माण कल्याण बोर्ड में देशभर में 42000 करोड जमा है जिनको देश की सरकार पूंजीपतियों के हवाले करना चाहती है।
प्रदर्शन को राजू बरवाला, मनोज सोनी, विरेद्र दुर्जनपुर, रणधीर सातरोड़, रामनिवास पाली, सूर्यभान आदमपुर, रामफल बरवाला, रामकुमार उकलाना, मार्बल शाखा से सौदागर यादव, निर्मला कैमरी, बबली, मीना, दयानंद, रामनिवास ब्लाक समिति सदस्य, राजेश जुगलान सहित अनेक नेताओं ने संबोधित किया।

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