सरकार जब तक कृषि संबंधित काले कानून को वापिस नहीं लेती तब तक किसान, आढ़ती व मजदूरों का आंदोलन जारी रहेगा
हिसार,
अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा है कि तीन कृषि संबंधित काले कानून के विरोध में दिल्ली जाने वाले किसान नेताओं को रात के अंधेरे में घरों से बिना किसी वजह गिरफ्तार करना कायरतापूर्ण कदम है। सरकार कृषि संबंधित काले कानूनों का विरोध कर रहे किसान, आढ़ती व मजदूर की आवाज दबाने में लगी हुई है, जो निंदनीय है।
एक बयान में बजरंग दास गर्ग ने कहा कि सरकार ने रात के अंधेरे में किसान नेताओं की गिरफ्तारी की है, जो पूरी तरह से नाइंसाफी है। सरकार लाठी व डंडों के जोर से किसान व आढ़तियों की आवाज दबाना चाहती है मगर देश व प्रदेश का किसान, आढ़ती व मजदूर डंडों के जोर से व गिरफ्तारियों से डरने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आनन-फानन में रात को किसान नेताओं को गिरफ्तार करके यह सिद्ध कर दिया है कि केंद्र व प्रदेश सरकार आंदोलन से डरी हुई है। किसानों द्वारा फसल के उचित दाम मांगना कोई अपराध नहीं है, क्यों बार-बार सरकार किसान व व्यापारियों पर ज्यादती कर रही है। पिछले दिनों पीपली व सिरसा में किसानों पर लाठीचार्ज करना व किसानों पर झूठे केस बनाना सरकार की विफलता का जीता जागता सबूत है, जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। सरकार को तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार किए गए किसान नेताओं को रिहा करना चाहिए। किसान नेताओं की गिरफ्तारी इस सरकार के कफन में कील साबित होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से अपील की है कि वे अपना तानाशाही रवैया छोड़कर किसान व आढ़तियोंयों के हित में कृषि संबंधित तीन काले कानूनों को वापस लें।