हिसार

हैड ग्रन्थि ने गुरु नानक देव जी के सुंदर शब्दों से साध-संगत को किया निहाल

‘नानक नाम मिले तां जीवां, साचे साहिबा क्या नहीं घर तेरे’

हर्षोल्लास से मनाया श्री गुरु नानक देव जी महाराज का प्रकाश गुरुपर्व

हिसार,
मानवता की भलाई व जात-पात से ऊपर उठकर बिना भेदभाव के हमें हर जरूरतमंदों, असहायों, लाचारों की हर संभव सहायता करनी चाहिए जिस प्रकार जगत गुरु प्रथम पातशाही धन-धन गुरु नानक देव जी महाराज करते थे, जिनको हर धर्म के अनुयायी पूरी श्रद्धा से नमन करते हैं और हर वर्ष हम उनके प्रकाशोत्सव को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। अनेक धर्म के कार्य करके नगर कीर्तनों का आयोजन करते हैं। ऐसे महान गुरु नानक देव जी महाराज के बताए मार्ग पर चलते हुए हमें भलाई के कार्य करने चाहिए।
यह बात हैड ग्रन्थी देसराज सिंह व जसवंत सिंह (यूएसए वाले) ने निकटवर्ती गांव बीड बबरान में स्थित गोबिंदगढ़ गुरुद्वारा साहिब में सभी साध संगतों को संबोधित करते हुए कही। प्रबंधक कमेटी गोबिंदगढ़ गुरुद्वारा साहिब द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हर्षोल्लास के साथ मनाए गए गुरुपर्व के अवसर पर गुरुद्वारा में रखे श्री अखंड पाठ साहिब का विधिवत रूप से भोग हुआ। गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी देसराज सिंह ने सरबत की भलाई के लिए अरदास की। इसके अलावा मे चल रहे शब्द-कीर्तन में स्त्री सत्संग की बीबीयों ने सुन्दर शब्दों का गायन किया। हैड ग्रन्थी ने उपस्थित साध संगतों को अपनी मधुर वाणी से श्री गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित वाणी से जोड़ते हुए निहाल किया, वहीं गुरु नानक देव जी महाराज द्वारा किए भलाई के कार्यों की विस्तार से चर्चा की। गुरु नानक देव जी ने अपना पूरा जीवन कुरीतियों को दूर करने में अर्पित कर दिया और समाज को एक नई दिशा दिखाई। उनका जन्म ऐसे समय में हुआ जब मुगलों द्वारा भारत पर आक्रमण किए जा रहे थे। चारों ओर अत्याचार और हिंसा का वातावरण था। ऐसे समय में गुरु नानक देव जी ने सभी को शांति और सद्भाव बनाए रखने की शिक्षा दी। नानक देव जी ने समाज से ऊंच-नीच का भेद खत्म किया और सभी के साथ समान व्यवहार करने की बात कही।
रागी जत्था ने सुंदर शब्दों ‘खालसा जी के बोलबाले, बोलो जी वाहेगुरु’, ‘मूल्ल खरीदी लाला गोला, मेरा नाऊ सभागा’, ‘नानक नाम मिले तां जीवां, साचे साहिबा क्या नहीं घर तेरे’ आदि से उपस्थित संगतों को निहाल किया। इसके अलावा जसवंत सिंह (यूएसए वाले) ने प्रथम पातशाही धन-धन गुरु नानक देव जी महाराज की गाथाओं को संगीत के माध्यम से अवगत करवाया।
कार्यक्रम में प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार कर्मजीत, सचिव देवेंद्र सिंह ने सभी साध संगतों को गुरु पर्व की बधाई दी व आए सेवादारों को गुरु का सिरोपा भेंट किया। सरबत की भलाई के उपरांत गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। इस मौके पर गुलजार सिंह, संदीप सिंह, जसवंत सिंह भुल्लर, स्वर्ण सिंह, महेंद्र सिंह तेहड़ा, बलविंद्र सिंह नंबरदार, जसवंत सिंह अमरीका वाले, देसराज सिंह, प्यारा सिंह, कर्मजीत कौर, अमनदीप कौर, सुखवंत कौर, कुलबीर कौर, जोगेंद्र कौर, गुरुनूर कौर, राजकौर, परमजीत कौर, जसमीन कौर, हर्षदीप कौर व भूपेन्द्र कौर इत्यादि उपस्थित थे।

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