हिसार

किसानों के समर्थन में युवाओं ने किया प्रदर्शन, युवाओं का जत्था 3 को पहुंचेगा दिल्ली

हिसार,
दिल्ली चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में आज दुर्जनपुर गांव में युवाओं ने पैदल मार्च किया और दिल्ली पहुचने के लिये मोटरसाइकिल जत्था निकालने का फैसला लिया। भारत की जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआई)और स्टुडेंट फैडरेशन आफ इंडिया के आह्वान पर छात्र युवाओं का एक बाईक जत्था किसान आंदोलन के समर्थन में दिल्ली जायेगा। अलग-अलग जगह से नौजवानों के कई छोटे-छोटे जत्थे रवाना होंगे जो रोहतक पहुंचकर एक बडे जत्थे में तबदील हो जायेंगे और टिकरी बोर्डर पर पहुंचकर किसानों के साथ जुड़ जायेंगे।
डीवाईएफआई एवं एसएफआई के राज्य उप प्रधान मुकेश दुर्जनपुर व जिला प्रधान प्रदीप बैनीवाल ने बताया कि यह लडाई केवल किसान की नहीं, बल्कि पूरे समाज और पूरे देश को बचाने की लडा़ई है। ये तीनों काले कानून पहले से ही घाटे का सौदा बन चुकी खेती को पूरी तरह से बर्बाद कर देंगे। आज भी हमारे देश की अर्थव्यवस्था का बडा हिस्सा खेती पर निर्भर है। आज जब तकरीबन सारे क्षेत्र भारी मंदी में फंसे हुए है, ऐसी स्थिति में भी खेती ने ही अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है। सरकार निजीकरण की उसी नीति को खेती पर लादने की कोशिश कर रही है जिसने देश की अर्थव्यव्यवस्था को बर्बादी के कगार पर लाकर खडा कर दिया है। देश का किसान पूरी बहादुरी और दिलेरी के साथ इन नीतियों के विरोध में आकर खडा हो गया है। तमाम मजदूर यूनियनों ने इस आंदोलन का समर्थन किया है लेकिन सरकार किसानों से बात करने की बजाय बेहद ओछे हत्थकंडे अपना रही है। पहले तो किसानों को आधी रात गिरफ्तारी, बैरिगेटिंग, ठंडे पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोलों से किसानों को डराने और पीछे हटाने की कोशिशें की जाती रही, लेकिन जब किसानों सारी मुश्किलों के बावजूद डटा रहा तो सरकार किसान के चरित्र हनन करने की बेहद ओछी हरकत पर उतर आई। किसान को देशद्रोही, खालीस्तानी और आतंकवादी तक कहा जाने लगा। हरियाणा और पंजाब के किसानों में फूट डालने की कोशिशें की जाने लगी, किसान को कांग्रेस और विपक्ष का एजेंट घोषित करने की कोशिशें की गई लेकिन उकसाने की तमाम कोशिशों के बावजूद यह आंदोलन बेहद अनुशासित और शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ रहा है। किसान और मजदूर के बेटे किसी भी हालात में इस आंदोलन में पीछे नहीं रहेंगे। पंजाब के नौजवानों की तरह हरियाणा के नौजवान भी बढ चढकर इस आंदोलन में हिस्सेदारी करेंगे और 3 दिसम्बर को शहीद खुदीराम बोस की जयंती के मौके पर सैंकडों नौजवान बाईक और दूसरे साधनों से दिल्ली के लिये हुंकार भरेंगे। बैठक में भिंटू, अजय, शमशेर, रवि, जेपी, विजय व सत्यवान आदि युवा मौजूद थे।

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