हिसार

भौगोलिक स्थिति व अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखकर करें रिसर्च : प्रो.समर सिंह

समन्वित खेती को बढ़ावा दें किसान, आर्थिक स्थिति होगी मजबूत

एचएयू के बावल स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र व कृषि महाविद्यालय का किया दौरा

हिसार,
वैज्ञानिक मौजूदा समय में बदलते जलवायु परिवेश, भौगोलिक परिस्थितियों व अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए अपने अनुसंधान कार्य को आगे बढ़ाएं। इससे एक ओर जहां फसलों की गुणवत्ता कायम रहेगी वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी उनकी डिमांड बढ़ेगी।
यह बात सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र बावल, कृषि विज्ञान केंद्र व कृषि महाविद्यालय बावल में चल रहे अनुसंधान, शिक्षण, विस्तार व अन्य कार्यों का जायजा लेते हुए व वैज्ञानिकों से रूबरू होते हुए कही। इस दौरान उन्होंने जल संरक्षण के लिए केंद्र में चल रहे टपका सिंचाई व अन्य तकनीकों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को अपना काम पूरी निष्ठा व कर्तव्य से करना चाहिए और उनका मुख्य लक्ष्य विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नई-नई तकनीकों व विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों की जानकारी किसानों तक पहुंचाना होना चाहिए। उन्होंने किसानों से समन्वित खेती को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जिन क्षेत्रों में भूमि कम ऊपजाऊ है, वहां किसान समन्वित कृषि प्रणाली अपनाकर अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति ने वैज्ञानिकों से बागवानी, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन व जैविक खेती को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मशरूम व मधुमक्खी का व्यवसाय किसान कम लागत से शुरू कर सकता है और अधिक मुनाफा कमा सकता है। इसी प्रकार कम सिंचित क्षेत्र में टपका सिंचाई कारगर साबित हो सकती है और वहां किसान मधुमक्खी पालन भी आसानी से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक फसलों, फलों व सब्जियों की नई किस्मों व तकनीकों को विकसित करते समय इस बात का भी खास ध्यान रखें कि उसका लाभ हर छोटी से छोटी जोत वाले किसान तक पहुंचना चाहिए। इसके अलावा जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि गलत खानपान व अधिक रसायनों के प्रयोग से बढ़ रही बीमारियों पर अंकुश लगाया जा सके।
गुणवत्ता पर हो अधिक जोर : डॉ. बनवारी लाल
कुलपति के साथ बावल के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र में अपने भ्रमण के दौरान सहकारिता एवं पिछड़ा वर्ग के राज्य मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से कहा कि वे फसल उत्पादों की गुणवत्ता पर अधिक जोर दें ताकि इनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़े और किसान भी आर्थिक रूप से समृद्ध हो सके। उन्होंने कहा कि वे दक्षिण-पश्चिमी हरियाणा में स्थित विश्वविद्यालय के बावल अनुसंधान केंद्र के लिए सरकार से अतिरिक्त बजट की मांग करेंगे ताकि यहां ओर अधिक सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकें और किसानों का भला हो सके।
ये रहे मौजूद
क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र में विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत, अतिरिक्त अनुसंधान निदेशक डॉ. नीरज कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. सतीश खोखर, बावल के क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ. विक्रम सिंह, कृषि महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ. नरेश कौशिक, वरिष्ठ संयोजक डॉ. जोगेंद्र सिंह सहित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, कृषि महाविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक व अन्य स्टाफ सदस्य मौजूद थे।

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