हिसार

माइयड़ टोल प्लाजा पर क्रमिक अनशन पांचवें दिन भी जारी रहा

किसानों ने हर लड़ाई जीती है, ये लड़ाई भी जीतेंगे : मा. शेरसिंह

हिसार,
अखिल भारतीय किसान, मजदूर समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर हिसार जिले के चारों टोल प्लाजा को फ्री रखने का अभियान आज 11वें दिन भी जारी रहा। माइयड़ टोल प्लाजा पर शुरु किया गया क्रमिक अनशन आज पांचवें दिन में प्रवेश कर गया। सभा के राज्य उपाध्यक्ष मा. शेर सिंह व प्रेस सचिव सूबेसिंह बूरा ने खरड़ अलीपुर के महंत आनंदगिरी के शिष्य महंत बाबा ससरनाथ व दिवेश सैनी जग्गाबाड़ा को माला पहनाकर अनशन पर बिठाया। किसानों के धरने को संबोधित करते हुए मा. शेरसिंह ने कहा कि किसानों की यह कोई पहली लड़ाई नहीं है। ऐसी कई लड़ाई किसानों ने पहली भी लड़ी है और जीती है। यह लड़ाई भी किसान हर हाल में जीतेंगे। एक ओर केंद्र सरकार आंदोलनकारी किसानों से वार्ता कर रही है, दूसरी ओर मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य कह रहे हैं कि किसानों की मांगें अनुचित है। आज हुई वार्ता भी बनतीजा रही। सरकार खुद नहीं चाहती कि मांगें पूरी हों और किसान आराम से अपने घरों को चले जाएं। आंदोलन के दौरान शहादत देने वाले किसानों की कुर्बानी को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। जिला प्रधान शमशेर सिंह नम्बरदार ने कहा कि हर गांव से रोजाना सैंकड़ों किसान दिल्ली व शाहजाहंपुर के लिये जा रहे हैं। सरकार जान बूझकर किसानों को प्रताडऩा देने के लिये आंदोलन को लम्बा खींच रही है। अब सरकार ने बातचीत के लिये 8 जनवरी का समय दे दिया है। धरने पर रमेश मिरकां, राजकुमार ठोलेदार, कुलबीर खरड़, बृजभान खोखा, सोनी सरपंच खरड़, लाडी सरपंच बीड़ बबरान, राजपाल पहलवान, गुरमैल, बलबीर, दिलबाग सिंह सहरावत आदि भी मौजूद रहे।
दूसरी ओर टोल प्लाजा चौधरीवास पर अखिल भारतीय किसान मोर्चा के आह्वान पर 11वें दिन भी 24 घंटे टोल फ्री रहा। चौधरीवास टोल प्लाजा पर सैंकड़ों किसानों ने धरना दिया और सरकार विरोधी नारेबाजी की। आज के धरने की अध्यक्षता कृष्ण कुमार गावड़ ने की। धरने को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष शेर सिंह ने प्रदेश के तमाम किसानों को आह्वान किया कि आंदोलन में तेजी लाने के लिए जी-जान से जुट जाएं क्योंकि यह मोदी सरकार और इसके मंत्रीगण अभी तक यह नहीं समझ पाए हैं कि यह आंदोलन किसी एक प्रदेश के किसानों का नहीं है, बल्कि पूरे देश के करोड़ों किसानों का आंदोलन है। उन्होंने मोदी सरकार से पुरजोर अपील की कि अभी भी समय है सरकार उपरोक्त तीनों-काले कृषि कानूनों को तुरंत प्रभाव से रद्द करे और सरकारी खरीद मूल्य की गारंटी का कानून बनाए। उन्होंने यह भी कहा कि इतनी ठंड व बारिश में लाखों किसान सडक़ों पर बैठे हैं। 50 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं। प्रधानमंत्री को स्वयं सोचना चाहिये। धरने में मांगेराम जाखड़, सतवीर सिंह, उमेद सिंह, महेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह तंवर, सुभाष कौशिक, आजाद श्योराण, सोमबीर, फूल कुमार, सुनील ग्रेवाल, राजकुमार झिंझरिया, श्रवण, सोहनलाल लखेरा, गोविंद तरड़, बलवीर बिश्नोई, गुरमीत संधू, लाडा संधू, छिंदे संधू, राजकुमार बिश्नोई, अनिल लखेरा, सुधीर शर्मा, दिलीप ढाका, संदीप धीरणवास, देवीलाल, आत्माराम, डॉक्टर परमानंद, अशोक लखेरा, वीरेंद्र, निशान सिंह संधू, मनीराम इंस्पेक्टर, डॉक्टर हनुमान, पृथ्वी सिंह खिचड़ आदि सैंकड़ों किसानों ने भाग लिया।

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