धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से —541

एक समय की बात है, एक किसान का बेटा था जिसका नाम राम था। वह हमेशा अपने पिता की मदद करता था, लेकिन वह एक महान वैज्ञानिक बनना चाहता था। उसकी पढ़ाई के लिए उसके पास पैसे नहीं थे, लेकिन वह हार नहीं माना। राम हर रोज अपने स्कूल जाता था, लेकिन वह हमेशा अपनी पढ़ाई और अपने पिता के काम के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करता था।

एक दिन, उसके पिता उसे अपने गांव के बाहर एक बहुत बड़ा जंगल में ले गए। राम ने उस जंगल में एक बहुत ही सुंदर पक्षी देखा। राम ने उस पक्षी को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह उड़ गया। राम उस पक्षी को देखने के लिए जंगल में बहुत दूर चला गया। तभी, वह एक बहुत ही सुंदर फूल देखता है। वह उस फूल को छूता है और उसे बहुत अच्छा लगता है। वह उस फूल को अपने पास रख लेता है।

राम ने उस फूल को अपने घर ले आया। उसने उस फूल को अपने कमरे में रख दिया। एक दिन, जब वह उस फूल को देख रहा था, तो उसने सोचा कि वह एक बहुत ही महान वैज्ञानिक बनेगा। उसने उस फूल को अपने पास रखा और अपनी पढ़ाई जारी रखी। कुछ सालों के बाद, राम एक बहुत ही महान वैज्ञानिक बन गया। वह अपने पिता को बहुत याद करता था और उसने अपने जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य अपने पिता को सफल बनाना था।

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, हमें अपने सपनों को कभी नहीं भूलना चाहिए, भले ही हमारे पास संसाधनों की कमी हो। यदि हमारे पास दृढ़ संकल्प है, तो हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं।

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