हिसार

किसानों को अपमानित करना बंद करे सरकार, तिरंगे का अपमान करने वाले को पकड़े : किरमारा

किसानों के समर्थन में रोडवेज कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

कर्मचारियों की मांगों व समस्याओं के समाधान के लिए संगठन हर समय तैयार

हिसार,
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर तथा सरकार द्वारा किसानों के प्रति अपनाई जा रही प्रताडऩा की कार्रवाई के खिलाफ डिपो प्रांगण में जोरदार प्रदर्शन किया। राज्य प्रधान दलबीर किरमारा के नेतृत्व में किए गए प्रदर्शन के दौरान संगठन ने गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसके लिए केवल किसानों को ही जिम्मेवार ठहराने के केन्द्र व दिल्ली सरकार के रवैये की निंदा की।
इस दौरान डिपो प्रांगण में गेट मीटिंग की गई। इसमें राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने कहा कि तिरंगा झंडा हमारे देश के सम्मान का प्रतीक है और दिल्ली में इसका जिस तरह से अपमान किया गया, वह बर्दाश्त करने योग्य नहीं है लेकिन इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जिस व्यक्ति ने तिरंगे का अपमान किया, वह अब भी खुला घूम रहा है और इस घटना के पीछे केवल किसानों को जिम्मेवार ठहराकर सरकार उन्हें प्रताडि़त कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों के लाखों किसान पिछले लगभग दो माह से दिल्ली में शांतिपूर्ण ढंग से धरने पर बैठे रहे, जब भी सरकार ने बातचीत का समय दिया तो बातचीत की और जब सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो फिर से शांतिपूर्ण ढंग से वापिस आकर धरने पर बैठ गए। किसानों की इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद इस आंदोलन का अनुशासित ढंग से चलने की मिसाल देश में आज तक नहीं मिलती।
दलबीर किरमारा ने कहा कि जब साम, दाम दंड भेद से सरकार किसानों में फूट डालने में कामयाब नहीं हुई तो उसने गणतंत्र दिवस की ट्रेक्टर परेड की आड़ में किसानों को बदनाम करने की सोची, काफी हद तक सरकार के प्रयास सफल भी हुए लेकिन सरकार का यह नकाब भी जल्द ही उतर गया और सच्चाई जनता के सामने आ गई। यही वजह है कि दिल्ली की इतनी बड़ी घटना के बाद भी किसान पहले से ज्यादा संख्या में दिल्ली की विभिन्न बार्डरों पर मौजूद है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार किसानों को अन्नदाता कहती है और दूसरी तरफ उन्हें आतंकवादी, उपद्रवी व देशद्राही बताती है, जो किसानों का अपमान है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि वह पूंजीपतियों के इशारे पर काम करना बंद करे और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करके किसान आंदोलन का हल निकाले।
इस अवसर पर दलबीर किरमारा ने कर्मचारियों की मांगों व समस्याओं बारे रोडवेज प्रशासन से हुई बातचीत का ब्यौरा दिया और कहा कि वे इनका समाधान करवाने के लिए किसी भी वक्त तैयार है। उन्होंने कहा कि जो काम पेंडिंग पड़े हैं, उसके लिए केवल जीएम नहीं बल्कि कुछ अन्य भी जिम्मेवार है। ऐसे में हमें सच्चाईं को समझना चाहिए और किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए। तत्पश्चात हरियाणा रोडवेज संयुक्त संघ के राज्य प्रधान दलबीर किरमारा के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए रोडवेज कर्मचारी बस अड्डे पर किसान सहयोग मंच की ओर से लगाए गए धरने में शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्य रूप से रामसिंह बिश्नोई, बलवान दोदवा, कुलदीप पाबड़ा, सुभाष बिश्नोई, ईश्वर बिश्नोई, विजय चैहडक़लां, महाबीर फौजी, सुभाष ढिल्लो, राजबीर पंघाल, सोनू हांसी, जयभगवान बड़ाला, धर्मपाल बूरा, सतपाल डाबला, रमेश सैनी, आत्माराम नेहरा, दर्शन जांगड़ा, कमल निंबल व विनोद सिंवर सहित अन्य नेता व कर्मचारी भी शामिल थे।

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